पथरौला/सीधी(ईन्यूज एमपी):-जिले के एकमात्र आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी मे संचालित होने अधिकांश स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की मनमानी अर्से से चली आ रही है। यहां पदस्थ अधिकांश शिक्षक तीस किलोमीटर से डेढ सौ किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय आते हैं। इनके आने जाने की कोई गाइड लाइन तय नहीं है, महज दो या तीन घंटे ही विद्यालय में समय विताने के आदी हो गये है। इतना ही नहीं कुछ तो हप्ता, पखवाड़ा मे विद्यालय आते है वो भी हजिरी लगाने । इसी वजह से विद्यालय में पठन पाठन की प्रक्रिया सहित अन्य क्रिया कलाप भी चौपट हो गये है। और इन चीजो से आला अधिकारी भी अंजान नहीं है किन्तु हैरानी की बात यह है कि शिकायतों के बाद भी कार्यवाही करनें की जहमत कोई नहीं उठा पा रहा है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है की उच्चाधिकारियों की सह पर ही सारा खेल हो रहा है। नतीजन अब ग्रामीण अविभावक आंनदोलन की राह पर चलने को मजबूर हो गये हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जनपद के संकुल केन्द्र पोडी अन्तर्गत प्राथमिक व माध्यमिक शाला मेढकी का जहाँ विगत चार सितंबर से ग्रामीणों ने अपने बच्चों को पूरी तरह से विद्यालय भेजना बंद कर दिया है। और बच्चे भी विद्यालय नहीं आना चाहते हैं। ग्रामीणो ने बताया कि यहां पदस्थ शिक्षक बारह बजे तक आते हैं और तीन बजे वापस चले जाते हैं। पढाई भी नहीं होती और बच्चे आपस मे झगडते रहते हैं। विद्यालय पीने के पानी सहित अन्य बुनियादी सुबिधाओं से भी बंचित हैं।बच्चे टपकती छत के नीचे बैठते हैं और कचडा युक्त भोजन भी शिक्षकों द्वारा कराया जाता है। गणवेश की राशि बच्चों की छात्रवृत्ति के साथ साथ अंक सूची तक का पता नहीं।सितम्बर बीतने को चला लेकिन बच्चों को किताबें अभी भी नहीं उपलब्ध हो पायीं हैं। इतना ही नहीं बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर गौर किया जाय तो आलम यह है कि आठवीं के बच्चों से हिन्दी की किताबें पढते नहीं बनता है। ग्रामीणों ने बताया कि कक्षा छठवीं से आठवीं तक बच्चे पढाई किये पर उनकी मार्कशीट का आज तक पता नहीं है। अविभावकों द्वारा बताया गया कि चार सितंबर से बच्चों को स्कूल बंद करनें के साथ ही पांच सितंबर को जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, आदिवासी आयुक्त सहित जनप्रतिनिधियों को भी उपरोक्त की लिखित शिकायत की गई थी। लेकिन आज तक कोई सक्षम अधिकारी स्कूल की दुर्दशा देखने नहीं पहुंचा। लिहाजा हम सभी ग्रामीण सरपंच ग्राम पंचायत बस्तुआ प्रेमवती बैगा, उप सरपंच विजय कुमार सिंह, बार्ड पंच श्रीकांत मिश्रा की अगुवाई में विद्यालय में ताला बंद करनें का निर्णय लिया और सभी ग्रामीणो की उपस्थिति मे विद्यालय में सरपंच ने ताला बंद कर दिया गया है। बताया गया कि जब तक किसी सक्षम अधिकारी के द्वारा विद्यालयीन गतिविधियों, बच्चों का शैक्षणिक स्तर सहित समस्त रिकार्डो की जांच नहीं की जायेगी तब तक स्कूल मे ताला बंद रहेगा। विद्यालय मे एक से पांच तक 58 तथा माध्यमिक शाला में 33 छात्र दर्ज हैं। विद्यालय के भवन से पानी टपकता है जिससे पूरी छत मे काई लग गई है। साथ ही छत से प्लास्टर का मलवा बच्चों के ऊपर गिरता है।ग्रामीणो का कहना है जब तक जांच नहीं होगी ताला नहीं खुलेगा।