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Home सीधी दर्पण सीधी: हाथियों ने फिर उजाड़ा ग़रीबों का आशियाना; आज चौथे दिन भी जंगल में ख़ाक छानती रही रेस्क्यू टीम......

सीधी: हाथियों ने फिर उजाड़ा ग़रीबों का आशियाना; आज चौथे दिन भी जंगल में ख़ाक छानती रही रेस्क्यू टीम......

पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिले के पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर मध्यप्रदेश के जंगलो मे आये हाथियों का ताण्डव और रेसक्यू आपरेशन साथ साथ चल रहा है। रविवार को एक नर हाथी पकडा गया और इसी रात हाथियों के बांकी झुण्ड ने घोघी निवासी चार पाल परिवारों के घरो को ढहाते हुए घर मे रखा खाद्यान्न खाते हुए ग्रहस्ती का सारा सामान चौपट कर दिया।

ग्रामीणो द्वारा बताया गया हाथियों का झुण्ड रेसक्यू टीम के जंगल से निकलते ही शाम सात बजे पहले तो चफोंदी मे जंगल किनारे लगे पावर ग्रिड के कैप पर धावा बोला जिस पर तैनात मजदूरों के द्वारा हल्ला गुहार किया गया तो सभी ग्रामीण एकत्रित हो गये और ट्रेक्टर का साईलेन्सर निकाल कर स्टार्ट किया गया तो हाथियों ने घोघी की तरफ रुख किया जहाँ चार घर ढहा दिये। पीडितों को विभाग द्वारा तात्कालिक सहायता के रूप मे पाचं किलो चावल, पांच किलो आटा, एक किलो दाल तथा दस बाई बीस की त्रिपाल आशियाना ढकने के लिए दिया गया है।उधर हाथियों के रेसक्यू आपरेशन के चौथे दिन सोमवार को हाथियों के झुण्ड का कोई भी सदस्य रेसक्यू कर रही टीम के हाथ नहीं लगा। रेसक्यू टीम को झुण्ड के बचे हुए चार हाथियों ने दिन भर छकाया और टीम द्वारा पूरी कोशिश की गई किन्तु देर शाम बैरंग लौटना पडा।

उधर विगत रविवार को रेसक्यू टीम के हाथ लगा नर हाथी हत्या और डकैती की सजा काट रहा है जिसे बेडियों मे जकडा गया है। पकडे हाथी को जंजीरों मे जकड दिया गया है। और विभाग उसकी निगरानी कर रहा है। रेस्क्यू टीम की अगुवाई कर रहे बांधवगढ़ क्षेत्र संचालक मृदुल पाठक ने चर्चा के दौरान बताया कि एक दिन में अमूनन एक ही हाथी को पकडा जा सकता है क्योंकि पकडने के बाद उसे जंजीरों से बांधने आदि मे काफी समय लग जाता है।

संचालक पाठक ने कहा आज दिन भर कडी मशक्कत करने के बाद भी कोई हाथी पकड मे नहीं आया। कल फिर रेसक्यू आपरेशन चलेगा। उन्होंने बताया कि हाथियों को ट्रेकुलाइज करने मे समय तो लगता है। पाठक ने कहा की ग्रामीणो का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण लाख मना करने के बाद भी छुपकर जंगल मे प्रवेश कर जाते हैं और शोर शराबा करते हैं। जिससे हाथियों को ट्रेकुलाइज करने मे दिक्कतों का सामना करना पडता है। साथ की किसी भी अनहोनी का भय बना रहता है।

ग्रामीणो ने की बिजली की मांग:-रेसक्यू कर जंगल से निकली टीम को ग्रामीणो ने घेर लिया। और बोले की रात मे नहीं पर दिन मे बिजली की सप्लाई चालू रखी जाय ताकी टार्च व मोबाइल आदि चार्ज रहे और हाथियों से बचाव किया जा सके। जिस पर विभाग द्वारा भरोसा दिलाया गया कि दिन मे बिजली सप्लाई बंद करने के लिए किसी ने नहीं कहा है। यह विद्युत विभाग की मनमानी है। और वन विभाग के आला अधिकारियों ने दूरभाष के माध्यम से तत्काल बिजली सप्लाई भी चालू करवाई गई।

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