सीधी (ईन्यूज़ एमपी)- विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार दिनांक आज जिला न्यायालय परिसर सीधी मे नेशनल लोक अदालत का आयोेजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष प्रभात कुमार मिश्रा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा ने कहा कि विवादो के त्वरित निवारण के लिये लोक अदालत एक मजबूत मंच है। लोक अदालत मे प्रकरण का निराकरण करने पर दोनो पक्षो की जीत हो जाती है। लोक अदालत कोई नई अवधारणा नही है बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही पंच न्याय की व्यवस्था को कानूनी रूप प्रदान किया गया है। लोक अदालत मे राजीनामा किसी भी पक्ष पर थोपा नही जाता है, अपितु दोनो पक्षो की सहमति होने के उपरान्त ही आदेश पारित किया जाता है। श्री मिश्रा ने कहा कि लोक अदालत का उद्वेश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाये। लोक अदालतो से वर्तमान भारतीय न्याय प्रक्रिया को नवजीवन मिला है, जो मुकदमो के बोझ तथा महगे न्याय की समस्या से ग्रसित होकर निष्क्रिय हो गई थी। जिला न्यायाधीश ने कहा कि हमे यह स्मरण रखना चाहिये कि नेशनल लोक अदालत वर्तमान व्यवस्था का विकल्प नही है, अपितु यह एक पूरक प्रयास है और यह प्रयास न्यायिक अधिकारियो एवं कर्मचारियो के साथ अधिवक्ताओ, प्रशासनिक अधिकारियो एवं जन सामान्य के सहयोग से सफल हो सकता है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह बघेल ने लोक अदालत मे अधिवक्ताओ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुये कहा कि जिला सीधी का प्रत्येक अधिवक्ता पक्षकारो को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिलाने हेतु संकल्पित है। श्री बघेल ने अपने उद्वबोधन मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे जन हितैषी कार्यो की प्रशंसा करते हुये कहा कि सीधी जैसे विकासशील जिले मे समाज के अन्तिम पंक्ति के व्यक्तियो को त्वरित न्याय दिलाने हेतु न्यायालय एवं विधिक सेवा प्राधिकरण को अधिवक्ताओ का सहयोग हमेशा रहेगा। कार्यक्रम मे विशेष न्यायाधीश ममता जैन, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुनील कुमार जैन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रियदर्शन शर्मा, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश राजीव अयाची, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरू, तृतीय अपर जिला न्यायााधीश योगराज उपध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्टेट जय सिंह सरौते, न्यायाधीशगण शिवचरण पटेल, अभिषेक कुमार, रेनू यादव , अजय प्रताप ंिसह यादव ,रामअचल पाल सहित अधिवक्तागण, प्रशासनिक अधिकारीगण, पैरालीगल वालेटियर्स एवं जिला न्यायालय तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत मे प्रकरणो के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी मे 12 खंण्डपीठे इसी तरह तहसील मुख्यालय चुरहट मे 05 मझौली मे 02 व रामपुर नैकिन मे 03 खण्डपीठें गठित की जाकर कुल 22 खंडपीठे गठित की गई थी । उक्त नेशनल लोक अदालत मे समझौता योग्य आपराधिक ,सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेविल इस्टूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्व न्यायालय, ग्राम न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणो के सहित विद्युत वितरण कम्पनी ,यूनियन बैक, स्टेट बैक, इलाहावाद बैक, मध्यांचल बैक के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्रीलिटिगेषन के कुल इस लोक अदालत मे निपटारे हेतु न्यायालयांे मे लम्बित 4247 व प्रीलिटिगेशन 1110 प्रकरण रखे गये। नेशनल लोक अदालत मे न्यायालयो मे लंम्बित कुल 503 प्रकरण व 343 प्रीलिटीगेशन प्रकरणो का निराकरण किया गया। न्यायालयो मे लंबित निराकृत प्रकरणो मे मोटर दुर्घटना दावा के 09 प्रकरणो का निराकरण हुआ जिनमे पीडित पक्षकारो को 313000 रूपये की राशि प्राप्त हुई। चेक बाउंस के 12, आपराधिक राजीनामा योग्य 08, वैवाहिक प्रकरणो के 08, सिविल प्रकरणो 04, प्रकरणो का सफलता पूर्वक निराकरण किया गया। लोक अदालत मे विशेष उपलब्धि विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरणो के निराकरण मे रही, विद्युत अधिनियम के 460 प्रकरणो का सफलता पूर्वक निराकरण किया गया। प्रीलिटिगेशन प्रकरणो मे बैक वसूली के 51 विद्युत के 69 जलकर के 58 एवं सम्पतिकर के 226 प्रकरणो के साथ पुलिस परिवार परामर्श केन्द मे लंबित 55 पारिवारिक प्रकरणो का निराकरण किया गया। इस नेशनल लोक अदालत मे बी.एस.एन.एल के 253 प्रकरणो का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत मे कुल 1137 व्यक्ति लांभावित हुए है एवं 1 करोड 19 लाख 48 हजार रूपये की राशि का सेटलमेन्ट हुआ है।