पथरौला (अभिलाष तिवारी ):-जिले के पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ के गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से भटकते हुए पांच हाथियों के झुण्ड ने प्रदेश की सीमा मानी जाने वाली मबई नदी को पार कर चार अगस्त को सुबह तकरीबन दस बजे जिले वनांचल क्षेत्र कुशमी अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुन्दौर के जंगलों में ग्रामीणों के द्वारा देखा गया। जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को दी गई। हाथियों का झुण्ड दिन मे तो जंगल की बादियों मे स्वछंद विचरण करता रहा और जैसी ही शाम ढली हाथियों ने गांव का रुख किया। और गांव के बाहर बने वन विभाग के सकसइया बैरियल पर बनी झोपडी आदि को ध्वस्त कर गांव की तरफ बढे। पिछले एक माह के दौरान हांथियों के ताण्डव ने सैकड़ो घरों को क्षतिग्रस्त किये , आज इन हांथियों का रेस्क्यू आपरेशन कर वास भेजा जायेगा। बैरियल मे हमले बाद वहां तैनात चौकीदारों के द्वारा दूरभाष पर हाथियों के आने की सूचना जैसे ही गांव वालों की दी गई गांव मे अफरातफरी मच गई। ग्रामीण घर छोडकर गांव की तरफ भाग कर एकत्रित होने लगे वहीं मैदानी अमला गाडियों मे ग्रामीणों को भरकर शासकिय भवनों में ठहराया। और हाथियों के झुण्ड ने चार पांच की दरम्यानी रात भईयालाल पिता हरमंगल सिंह, कृष्णपाल पिता राम सिंह, पप्पू पिता रामबहादुर सिंह, गणेश पिता तेजराय सिंह, शुसीला पति तेजराय सिंह, रामबहादुर सिंह पिता राम सिंह सभी निवासी कुन्दौर का माकान ध्वस्त कर दिया। और घर मे रखा अनाज खा गये साथ ही खडी फसलों को रौद डाला तथा सुबह चार बजे हाथियों का झुण्ड पुनः जंगलो मे समाहित हो गया। हाथियों के ताण्डव कु खबर पाकर सीसीयफ बिसेन्ट रहीम, यसडीओ बृजेन्द्र खोबरागड़े, विधायक कुंवर सिंह टेकाम, नायब तहसीलदार कुशमी मणिराज सिंह, हल्का पटवारी राजकुमार सिंह घटना स्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना करते हुए पीडितों को संतावना दी। साथ ही विधायक धौहनी द्वारा पीडितों को पांच पांच हजार रुपए सहायता राशि देते हुए उचित छतिपूर्ति भी दिलाने का आश्वासन दिया। दूसरे दिन पांच छः अगस्त की दरम्यानी रात हाथियों के झुण्ड ने पुनः गणेश पिता तेजराय सिंह, शुसीला पति तेजराय सिंह सहित शिवचरण पिता सोनशाय सिंह, लक्षिमन पिता दधिबल सिंह, दलप्रताप पिता हीरा सिंह, गंभीर पिता रामलाल सिंह, प्रेमबती पति रामलखन सिंह सभी निवासी कुन्दौर का माकान ध्वस्त कर घर मे रखा अनाज खा गये तथा खडी फसलों को रौंद डाला। इसके बाद सात अगस्त को ग्रामीणों ने एकत्रित होकर हाथियों के झुण्ड को खदेडते हुए डोमारपाठ के घने जंगलो मे पहुंचा दिया। हाथियों का झुण्ड डोमारपाठ के जंगलो मे तीन दिनो तक स्वछंद बिरण करने के बाद राजापाठ, बूढनडोल, तिनगी, होते हुए अमझर के जंगलों में पहुंचे और 11-12 की दरम्यानी रात ग्राम पंचायत पोडी के मनडोलिया टोला निवासी बब्लू यादव पिता छंदई यादव के घर हमला किया और माकान ध्वस्त कर अनाज खाते हुए फसल चौपट कर दिया। पुनः 12-13 की दरम्यानी रात बब्लू पिता छंदई यादव के घर धावा बोलते हुए बचा अनाज खाये और पडोस मे पूर्व सरपंच सुखराजुआ पति दलबीर सिंह के घर हमला किया और माकान ढहा दिया तथा अनाज खाते हुए खडी फसलों को चौपट कर दिया। तत्पश्चात एक रात हाथियों ने शान्ती का परिचय देते हुए 14-15 की दरम्यानी रात पोडी के मनडोलिया निवासी इन्द्रबहादुर पिता ईश्वरदीन सिंह, तथा शिवपाल पिता जयराम सिंह के हाथियों ने आक्रमण किया और माकान ध्वस्त कर अनाज खाते हुए खडी फसलों को रौंद डाला। तदोपरान्त हाथियों के ताण्डव से गुस्साए ग्रामीणों ने 18 अगस्त को परिक्षेत्र कार्यालय पोडी का आकस्मिक घेराव कर दिया। घेराव मे ग्रामीणों का समर्थन करनें पहुंचे कांग्रेस नेताओं सहित प्रशासनिक अधिकारियों के समझाइस के बाद ज्ञापन सौंपकर घेराव करनें का निर्णय लिया गया और प्रशासन को आगाह कराया गया कि 22 अगस्त तक पीडितों को उचित मुआबजा नहीं मिला और हाथियों की व्यवस्था वन विभाग ने नहीं किया तो 23 अगस्त को ब्लाक कांग्रेस कमेटी की अगुवाई मे परिक्षेत्र कार्यालय पोडी का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उधर 19-20 की दरम्यानी पुनः एक बार इन्द्रबहादुर पिता जयपत सिंह, शिवपाल पिता जयराम सिंह के माकान का बचा हुआ हिस्सा धवस्त कर सारा अनाज खाने के बाद लल्लू पिता जयपत सिंह, बुद्धराज पिता भगवानदीन सिंह के माकान को ध्वस्त कर अनाज खाया और खडी फसल को चौपट कर दिया। साथ ही 20 अगस्त को कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रशासन को 23 अगस्त को प्रर्दशन के संबंध में सौंपा गया। हाथियों के आतंक को शान्त करनें के लिए 21 अगस्त को पुलिस चौकी पोडी प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह बघेल द्वारा चौकी परिसर में विधिवत गणेश जी की पूजा अर्चना करवाते हुए रामचरित मानस का पाठ भी कराया गया। तथा 23 अगस्त को परिक्षेत्र कार्यालय पोडी मे धरना प्रदर्शन किया गया। तदोपरांत 23-24 की दरम्यानी रात को तिनगी का पहाड उतरकर हाथियों का झुण्ड ग्राम पंचायत करौटी पहुंचा और जंगल किनारे सुधार पिता मोलई सिंह, मोलई पिता हीरा सिंह, सुखलाल पिता मोलई सिंह, इन्द्रप्रताप पिता मोलई सिंह, के माकान को धवस्त कर अनाज खाया तथा खडी फसलों को रौंदते हुए इसी रात को अमगांव पहुंच गया जहाँ बईया पति कोदूलाल बैगा, सुधरी पति संतकुमार बैगा घर ध्वस्त कर अनाज खा गये। 24-25 की दरम्यानी रात को पुनः हाथियों के झुण्ड ने अमगांव निवासी रामलाल पिता लाला यादव, बाबूलाल पिता प्रसाद सिंह के घरों को छतिग्रस्त कर घर मे रखा अनाज खा गये। और इसी रात जहाँ अमगांव निवासी महिलाओं ने यसडीओ बृजेन्द्र खोबरागड़े सहित अन्य पर गाडी से धक्का मारने व दो महिलाओं को घसीटने का आरोप लगाया। वहीं यसडीओ खोबरागड़े द्वारा ग्रामीणों पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए पुलिस चौकी पोडी मे शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया। इसी बीच 25-26 की दरम्यानी रात हाथियों का झुण्ड मझौली जनपद की सीमा पर सुखलाल पिता बलजीत विश्वकर्मा निवासी खोसडा (बस्तुआ) का घर ध्वस्त कर अनाज खा गये। जिस पर ग्रामीणों ने हाथियों को खदेडकर मझौली की सीमा बडकाखंभा के जंगलों मे पहुंचा दिया। और पहाड उतरकर हाथियों का झुण्ड 26-27 की दरम्यानी रात को मझौली जनपद के ग्राम पंचायत खजुरिहा के ग्राम झपरी मे ताण्डव मचाते हुए शिवकुमार पिता नुचकुन कोल, शुमेश्वर पिता जगजीवन सिंह, जयमंती पति जगजीवन सिंह, रणदमन सिंह, फुलमतिया पति ललन सिंह, चैन सिंह, शैलेन्द्र पिता बुद्धराज सिंह, शान्ती पति बृजमोहन पाल का माकान ध्वस्त करते हुए अनाज खा गये तथा खडी फसल रौंद दिया। ग्रामीणो के हल्ला गुहार करने पर हाथियों ने जिला मुख्यालय का रुख किया और धनसेर, कतरवार होते हुए धुंआडोल पहुंचे जहाँ आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक एक का भवन ढहा दिये और महखोर, कमचढ, होते हुए परासी के जंगलों मे पहुंच कर ताण्डव शुरू कर दिये हैं। फिलहाल अभी भी बकवा के बांस के जंगलो मे हाथियों ने डेरा जमा रखा है। अभी हाथियों का झुण्ड चमराडोल से पन्द्रह किलो मीटर दूर घोघी के जंगलों में है। जिले का पूरा वन अमला सहित ग्रामीण जंगल में सात हाथियों के साथ जाने की तैयारी में हैं। बारिश रूकावट बनी हुई है। बताया जा रहा कि हाथियों का झुण्ड जिस जगह पर है वहां वाहन आदि भी नहीं पहुंच सकेगा। जबकि विभागीय सूत्रों की माने तो हाथियों को बेहोशी के बाद फायर ब्रिगेड की आवश्यकता होगी और हाथियों के ऊपर पानी की बौछार करनी पडेगी। अतः पहले हाथियों को जंगल से बाहर लाना पडेगा।