सीधी ( सचीन्द्र मिश्र )भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का सीधी दौरा कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण रहा है । चुरहट में राकेश सिंह का अभूतपूर्व स्वागत संस्कारों से जंहा परिपूर्ण रहा वंही तुच्छ मानसिकता की राजनीति भी चर्चाओं में है । कंही न कंही तुच्छ सोच वाले नेताओं को संस्कारवान वनने की एक नसीहत भी है । राकेश सिंह के दौरे पर भाजपा युवा मोर्चा द्वारा चुरहट क्षेत्र में लगाये गए बैनर और पोस्टरों में एक नयी सोच पर्णित हुई है।| दरअसल बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा जो पोस्टर लगाये गए हैं उनमें प्रधानमन्त्री, बीजेपी अध्यक्ष, नरेंद्र सिंह तोमर सहित सांसद रीती पाठक , शुभाष सिंह , के के तिवारी, शरदेन्दु तिवारी , सहित अन्य की तस्वीरों से जाहिर होता है कि यह एक संस्कार है , वंही दूसरी पंक्ति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह , राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह पूर्व सांसद गोविदं मिश्रा , राजेश मिश्र व राकेश सिंह की फोटो होना अपने आपमें एक मिशाल है ...? सोच जिसकी भी हो इससे यही जाहिर होता है कि व्यक्ति नही संगठन बड़ा है । चुरहट की राजनीति अतीत से अब तक संस्कारवान रही है दल भले ही अलग रहे हों ...लेकिन संस्कार और मर्यादाएं उल्लेखनीय रहे हैं । विडंबना यंहा इस बात की है कि आज की युवा पीढी अपने सम्बंधों , संस्कारों को पीछे छोड़कर स्वार्थ की राजनीति में लीन है , मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिये नेताओं के इर्दगिर्द फोटो की राजनीति करने बाले नेताओं को यंहा सजग रहने की जरूरत है । वहरहाल सच हमेशा कड़वा होता है लेकिन वरिष्ठों की उपेक्षा करना समाज और चुरहट की राजनीति के लिये हमेशा से घातक रहा है । एक दुसरे के प्रतिस्पर्धी माने जाने वाले तथकथित नेताओं के लिये चुरहट की जनता के दिल में कितना स्थान है जरा आप ही सोचिये कि आपमें से सर्वमान्य कौन है ....? भले ही कुछ भी हो क्षेत्र के कार्यकर्ता जरुर अपने वरिष्ठ नेताओं को अहमियत देते हैं| इससे बीजेपी के उन युवा नेताओं को सीखने की जरुरत है जो एक छोटा सा पद पाते ही अपने घमंड में चूर हो जाते हैं ...? सच कड़वा होता है जिसके चलते एक बात जरुर है की हमारी इन बातों से जरुर उन युवा नेताओं को मिर्ची लगेगी जो अपने पद के घमंड में बड़े और वरिष्ठ नेताओं को भी दरकिनार करने से बाज नहीं आते ।