सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रभात कुमार मिश्रा के मार्गदर्षन तथा मुख्य आतिथ्य मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा सरस्वती उच्च.मा.वि. मडरिया सीधी मे विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीष प्रभात कुमार मिश्रा ने अपने उद्ववोधन मे कहा कि आज का अनुशासित विद्यार्थी देश के उज्जल भविष्य का आइना होता है इसलिये विद्यालय मे अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियो के लिये अनुषासन मे रहना सबसे महत्वपूर्ण है। श्री मिश्रा ने कहा कि विद्यार्थियो को पढाई के साथ ही अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिये क्योकि स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है । सरस्वती विद्यालय मे अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुये श्री मिश्रा ने कहा कि सरस्वती उ.मा.वि.अनुशासन के मामले मे हमेशा अग्रणी रहा है। मोटर व्हीकल अधिनियम की जानकारी देते हुये श्री मिश्रा ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के द्वारा किसी भी प्रकार का पेट्रोल अथवा डीजल वाहन चलाया जाना कानूनन अपराध है और ऐसे अपराध के लिये बच्चो के साथ माता पिता भी समान रूप से जिम्मेदार हो सकते है। श्री मिश्रा ने प्रत्येक वाहन का विधि अनुसार इंष्योरेंष तथा परमिट होने एवं प्रत्येक वाहन चालक का वैध लाईसेंस होने पर जोर दिया। श्री मिश्रा ने शिविर मे उपस्थित समस्त विद्यार्थियो को जाानकारी देते हुये कहा कि यदि किसी स्कूल बस के ड्राईवर द्वारा यदि उपेक्षा पूर्वक वाहन चलाया जाता है अथवा वाहन चलाते समय ट्रेफिक का नियमो का उलंधन किया जाता है तो वच्चे इसकी शिकायत विद्यालय प्रबंधन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मे कर सकते है। लैगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012 की जानकारी देते हुये बताया कि हमारे देष मे बालको एवं बालिकाओ के विरूद्व बढते यौन अपराधो को दृष्टिगत रखते हुये लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीेडन और अष्लील साहित्य के अपराधो से बालक एवं बालिकाओ का संरक्षण करने हेतु पाॅक्सो अधिनियम बनाया गया है। बालको का लैंगिक शोषण एक जघन्य अपराध है और ऐसे अपराधियो के विरूद्व कडी कार्यवाही की जाती है। श्री मिश्रा ने विद्यालय मे अध्यययनरत छात्राओ को पुलिस विभाग के माध्यम से गुडटच एवं बैडटच की जानकारी देनेे हेतु विद्यालय प्रबंधन को निर्देशित किया। जिला न्यायाधीष ने कहा कि वर्तमान समय मे हमारे समाज मे चरित्र निर्माण सबसे बडी अवष्यकता है, तथा चरित्र निर्माण की सबसे बडी जिम्मेदारी विद्यालय की होती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यो के महत्व पर प्रकाश डालते हुये श्री मिश्रा ने कहा कि भारतीय संविधान मे एक लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना की गई है ओैर यह आशा की गई है कि राज्य के सभी क्रिया कलापो का आधार लोक कल्याण, सामाजिक न्याय एवं जनहित होगा। न्याय प्राप्ति के संबंध मे यह परिकल्पना की गई है कि निर्धनता, आर्थिक,अशिक्षा अथवा अन्य किसी निर्योग्यता के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय के समान अवसर से वंचित नही रहना चाहिये, इसी परिकल्पना को साकार करते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराकर एवं अन्य जनहितैषी योजनाओ के माध्यम से सभी को शीघ्र एवं त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। श्री मिश्रा ने षिविर मे उपस्थित समस्त विद्यार्थियो एवं अध्यापको से संविधान मे निहित मूल कर्तव्यो को पढने एवं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियो को ईमानदारी से निभाने की अपील की। श्री मिश्रा ने कहा कि जिले के प्रत्येक विद्यालयो मे संविधान मे निहित मौलिक कत्र्तव्यो का उल्लेख होना चाहिये। जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा ने सूचना एवं प्रोद्योगिकी अधिनियम की जानकारी देते हुये उपस्थित विद्यार्थियो से मोबाइल मे फेसबुक तथा व्हाट्स एप आदि का उपयोग सावधानी से करने की हिदायत देते हुये कहा कि सोषल नेटवर्किंग के माध्यम से किसी भी गैर कानूनी बात का प्रचार करना कानूनन अपराध है। मोबाइल तकनीक को पढाई के क्षेत्र मे इस्तेमाल करने की सलाह दी। वरिष्ठ अधिवक्ता लालमणि सिंह चैहान ने मुख्य अतिथि एवं विद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया। विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने उपस्थित विद्यार्थियो एवं अध्यापको से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित जन हितैषी योजनाओ की जानकारी समाज की अंतिम पंक्ति के व्यक्तियो पर पहुचाने की अपील की । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विद्यालय मे निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसके विजेताओ को जिला न्यायाधीष के द्वारा प्रमाण पत्र एवं शील्ड से पुरूस्कृत किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता रामपाल तिवारी, प्राचार्य राजकुमार ंिसंह सहित सरस्वती उच्च. मा. वि. मडरिया के समस्त अध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।