पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी):-छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर मध्यप्रदेश के वनांचल क्षेत्र कुशमी के जंगलो मे आये हाथियों के झुण्ड का ताण्डव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन हाथियों के झुण्ड ने जहां विभागीय अमले के नाक मे दम कर रखा है वहीं ग्रामीणो की नीद हराम कर दिया है। बीते 14-15 दरम्यानी रात दो आदिवासियों के घरों को धराशाई करनें के बाद चार दिनों तक हाथियों के झुण्ड ने गांव की ओर रुख नहीं किया तो ग्रामीणों को थोडी राहत सी महसूस हुई थी। किन्तु बीती रात पुनः हाथियों के झुण्ड ने जमकर ताण्डव किया और घर मे अनाज नहीं मिला तो खडी फसलें ही घास की तरह खा गये। घटना के संबंध मे पीडित लल्लू पिता जयपत सिंह गोंड उम्र 50 निवासी चित्ताटोला पोडी ने बताया की रविवार की रात तकरीबन 11 बजे एक नर हाथी आया और बगल मे बने मेरे भतीजे बुद्धराज पिता भगवानदीन सिंह गोंड का घर गिराने लगा तो सभी लोग दूसरे दरबाजे से गांव की ओर भागना शुरु कर दिये। बताया घर गिरने की आवाज सुनकर मैं दरबाजा खोलकर गांव की तरफ भागने का प्रयास किया तो हाथी ने खदेड लिया। किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। किन्तु हाथी वापस जाकर मेरा घर गिराना शुरू कर दिया और घर मे रखी दो क्विंटल धान व दो क्विंटल कोदौ खा गया। तथा घर के पास लगा रोपा भी गये। जबकि बुद्धराज सिंह का घर ध्वस्त कर दिया अनाज बचा दिया। प्रत्क्षदर्शियों ने बताया कि हाथियों का झुण्ड पहले तो 14-15 की दरम्यानी रात हमला किये गये इन्द्रबहादुर पिता ईश्वरदीन सिंह तथा शिवपाल सिंह पिता जयराम सिंह के माकान को निशाना बनाया और माकान का जो हिस्सा बचा था उसे भी ध्वस्त कर दिया। किन्तु वहां खाद्यय सामग्री नहीं मिलने से हाथियों ने धान व मक्का की खडी फसल को खाते हुए पूरा रौद दिया। हल्का पटवारी राजीव सिंह द्वारा मौके मे पहुंच कर फसल नुकसानी का सर्वे कर प्रकरण तैयार किया गया है। नर हाथी ने लिया सुरक्षा का जायजा:-ग्रामीणो ने बताया कि दोनों बच्चे व मादा हाथी इन्द्रबहादुर तथा शिवपाल सिंह की फसल खा रहे थे तथा नर हाथी वन विभाग द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लागाये गये एलीफेंट प्लांट बैरिकेट्स को पैरों तले दबाते हुए नदी पार कर तकरीबन एक किलोमीटर अन्दर गांव मे लोकेशन लेने पहुंच गया। जहां फिर से दो आदिवासियों का आशियाना उजाड दिया। उधर ग्रामीणों का मानना है कि एक हाथी रास्ता व गांव का जायजा कर लिया है तो आने वाली रात फिर से हाथी परिवार सहित आ सकते हैं। जिससे. ग्रामीण काफी दहशत में देखे जा रहे हैं। वन अमला खिला रहा केला, गुड,गन्ना:-विभागीय सूत्रों सहित ग्रामीणों की माने तो वन अमला द्वारा हाथियों के झुण्ड को गुड , गन्ना व केला खिलाया जा रहा है। जिसके पीछे तर्क दिया जाता है कि यदि हाथियों के झुण्ड को खाने की चीजे मिलती रहीं तो हाथियों का झुण्ड गांव में प्रवेश नहीं करेगा। किन्तु फिर भी हाथियों का झुण्ड गांव में घुसने से बाज नहीं आ रहा है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विभाग द्वारा यदि हाथियों को केला, गुड, और गन्ना इसी प्रकार खिलाया जाता रहा तो हाथी इसी जंगल में रम जायेंगे। जिससे ग्रामीणों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ सकता है। पीडितों को 15 किलो अनाज:-ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि वन अमले के द्वारा हर पीडित परिवार को विगत दिवश 15 किलो चावल मात्र दिया गया है। जबकि हाथियों को गुड, केला व गन्ना खिलाया जाता है। फिर भी हाथियों का झुण्ड ग्रामीणों पर कहर ढाये जा रहा है।