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Home सीधी दर्पण सीधी: भरी बरसात हाथियों ने उजाड़ा गरीब का आशियाना,खा गये बच्चों के पेट का दाना......

सीधी: भरी बरसात हाथियों ने उजाड़ा गरीब का आशियाना,खा गये बच्चों के पेट का दाना......

पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी):- जिले के पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर मध्यप्रदेश के आदिवासी जनपद पंचायत कुशमी अचंल मे आये हाथियों के झुण्ड ने ग्राम पंचायत कुन्दौर के बाद शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात से ग्राम पंचायत पोडी मे ताण्डव मचाना शुरू कर दिया है। और इसी रात पोडी मे एक यादव परिवार का भरी बरसात जहाँ हाथियों ने आशियाना उजाड दिया वहीं पूरे साल भर के लिए घर मे रखा खाद्यान्न भी हजम कर गये। इतना ही नहीं जाते वक्त हाथियों ने अनाज से भरी कुछ बोरियाँ भी साथ ले गये।

पीडित बब्लू यादव पिता छंदई यादव उम्र 70 निवासी मनडोलिया टोला पोडी ने बताया की मै अपनी पत्नी व एक नाती के साथ बाहर बनी खुली खपरैल झोपडी मे सो रहा था। तथा बगल मे मवेशी बंधे हुए थे। रात तकरीबन बारह बजे हाथियों का झुण्ड आया जिन्हें देखकर मवेशी छटपटाने लगे। जंगली जानवर समझकर मैने डांटा तो हाथियों ने दहाड लगाई टार्च की रोशनी में देखा तो हाथी थे। मैंने पत्नी व नाती को जगाया और दबे पैर घर से दूर जाकर नाती के माध्यम से गांव वाले घर मे बेटे को संदेश दिलवाया और पूरे गांव में हल्का गुहार करवाया और सैकडों लोग आ गये। पीडित ने बताया कच्चे माकान को हाथियों ने ध्वस्त कर वहाँ रखा पचास किलो चावल, तीस किलो आटा, दाल सहित पूरा अनाज खाते हुए ग्रहस्ती का सारा सामान मिट्टी मे मिला दिये। तत्पश्चात बगल मे बने पीएम आवास के पक्के मकान को हाथियों ने ढहाने का प्रयास किया लेकिन जब नहीं ढहा पाये तो किबाड को लात मारा जिससे कुण्डी टूट गई और बही एक सत्रह बर्षीय नातिन आरती तथा बारह बर्षीय सरोज सो रही थीं। तथा एक किनारे गेहूँ के भूसा मे धान व गेहूँ बोरियां दबा कर रखी थीं। वहीं आरती व सरोज ने बताया कि किवाड़ की आवाज से आंख खुली तो सामने हाथी का बच्चा बोरियों को पकडकर बाहर फेंकता था। तथा हाथी दरवाजे की तरफ पीछा करके पास रखी घास खा रहा था और यही मौका देखकर हम दोनों बहनें विस्तर से उठकर दबे पैर घर से बाहर भागे जहाँ बडी संख्या में ग्रामीण जमा थे।

ग्रामीणों ने बताया पीडित के घर ये सब ड्रामा रात्रि बारह बजे से सुबह चार बजे तक होता रहा और सैकडो की संख्या मे दो सौ मीटर दूर विवश होकर खडे लोग इन बच्चियों के जिंदगी की दुआएं मांग रहे थे। हाथियों ने तकरीबन छः क्विंटल धान, चार क्विंटल गेहूँ, चालीस किलो अरहर, पन्द्रह किलो चना, खा गये। गड्ढे मे भरा पानी पिये और बोरियां उठाई और सुबह चार बजे वापस जंगल की ओर संजय टाईगर एरिया मे घुस गये।

यह पूरा घटना क्रम ग्रामीण वेवश होकर इस तरह पूरी रात देखते रहे जैसे किसी थीयेटर मे फिल्म देखते हैं।ग्रामीणों की सूचना पर वन परिक्षेत्र अधिकारी मडवास जे.सी. उइके, बीटगार्ड राजबहोर पटेल, संदीप सोनी, विजय सिंह, हल्का पटवारी राजीव सिंह घटना स्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना करते हुए पंचनामा तैयार किया गया है। तथा परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा लोगों से अलर्ट रहने व जंगल मे प्रवेश न करनें की हिदायत भी दी गई है। माना जा रहा है कि हाथियों को खाने की सामग्री एक ही जगह पर मिल इसलिए गांव में नहीं प्रवेश किये किन्तु दूसरी रात क्या होगा ये सोचकर ग्रामीणों मे काफी दहशत देखी जा रही है।

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