सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले के भारी भारकम कलेक्ट्रेट भवन में अधिकारी कर्मचारी शौचालय के लिए मोहताज है, कहने को तो जिला पूरी तरह से खुले से शौचमुक्त होने की कगार पर है और तो और जिले की दो जनपद पंचायते तो साल भर पहले ही खुले से शौच मुक्त हो गई है लेकिन इन सब बातो से इतर देखा जाये तो जिला मुख्यालय का मुख्य कार्यालय भवन ही शौचालय की दरकार लिए खड़ा है| जिले के करुणा भवन की भव्यता देखते ही बनती है, दूर दराज से अपना काम लेकर मुख्यालय आने वाले लोगो को जिला कार्यालय की बहरी सुन्दरता तो दिखती है लेकिन अन्दर की कुरूपता नहीं, समस्त योजनायो का केंद्र बिंदु कलेक्ट्रेट भवन जहां जिले के अधिकांश विभागों के विभाग प्रमुख बैठते है, वह शौचालय विहीन है, एक दो अधिकारियो को छोड़ दे तो बाकी किसी भी विभाग में शौचालय नहीं है,आम लोगो की तो बात छोडिये अगर अधिकारी कर्मचारियों से बात करे तो समस्या की विकरालता का पता चलता है कलेक्ट्रेट में कार्यरत कर्मचारियों के साथ महिला कर्मचारी भी है जिन्हें हर रोज शौचालय की समस्या से दो चार होना पड़ता है,लेकिन इस समस्या की ओर कभी किसी का ध्यान ही नहीं जाता । जिले में स्वच्छ भारत मिशन की क्या स्थिति है इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की जिले के समस्त विभागों का केंद्र बिंदु ही शौचालय के लिए तरस रहा है, सरल शब्दों में कहे तो जब गंगोत्री का ही हाल बेहाल है तो गंगा कैसी होगी ....?