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रीती, केदार, गोविंद व कमलेश्वर मतदान से वंचित...

सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिला अधिवक्ता संघ के होने वाले सात अप्रैल को निर्वाचन में वर्तमान विधायक, सांसद अबकिवार अधिवक्ता संघ के चुनाव में मतदान नहीं कर पायेंगें। स्टेवार काउंसिल के नये नियम कायदों के चलते मतदाता सूची से इन्हें पृथक किया जा चुका है। इसके अलावा पूर्व सांसद और पूर्व विधायको केा भी मतदान का अधिकार नहीं रहेगा। पूर्व में अधिवक्ता संघ के चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि भी अधिवक्ता होने के नाते मताधिकार का उपयोग करते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला अधिवक्ता सघ का चुनाव 7 अप्रैल को तय हुआ है। 31 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी और इस बीच विभिन्न प्रक्रिया संपन्न कराने के बाद तय दिनांक को मतदान कराया जायेगा। मतदान के लिये अधिवक्ता संघ की पुनरीक्षित सूची आज शाम जारी हो गई है। बताया गया है कि अधिवक्ता संघ की जो 833 मतदाताओं की सूची जारी हुई है उसमें वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ला, सांसद श्रीमती रीती पाठक, पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा, पूर्व विधायक कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी का नाम शामिल नहीं है। वकालत की पढ़ाई करने के बाद इसके पहले स्टेट वार काउंसिल जनप्रतिनिधियों सहित गैर प्रेक्टिशनर को भी अधिवक्ता का परिचय पत्र जारी करता रहा है किंतु स्टेट वार काउंसिल द्वारा अधिवक्ताओं को दी जा रही विभिन्न प्रकार की सहायता के चलते नये नियम कायदे बना दिये गये हैं जिससे वे अधिवक्ता मतदाता सूची से बाहर हो गये हैं जो नाम के वकील बने हुये थे। जानकारों के अनुसार नये नियम कायदों के तहत संबंधित अधिवक्ता को स्टेट वार काउंसिल में अपनी वकालत प्रमाणित करने के लिये जरूरी दस्तावेज सम्मिलित करने थे। जिन अधिवक्ताओं ने वकालतनामा के जरिये प्रमाणीकरण करा लिया है उनके नाम तो शामिल हो गये हैं किंतु जो नहीं कर पाये उनके नाम काटे जा चुके हैं। अधिवक्ता संघ के चुनाव में मतदान केवल कांग्रेस अध्यक्ष आनंद सिंह चौहान कर सकते हैं।

अधिवक्ता संघ चुनाव के लिये घोषित तिथि के साथ ही अधिवक्ताओं द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाने के साथ कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था। अधिवक्ताओं के विरोध के चलते पूर्व में घोषित चुनाव की तिथि स्थगित कर दी गई इसके साथ ही पुनरीक्षित मतदाता सूची तैयार करने की बात कही गर्ई थी। अधिवक्ता संघ की पुनरीक्षित मतदाता सूची घोषित तो कर दी गई है किंतु केवल 6 नाम ही काटे गये हैं। पूर्व में 839 अधिवक्ता मतदाता सूची में शामिल रहे हैं जबकि वर्तमान में 833 नाम बताये जा रहे हैं ।

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