भोपाल (ईन्यूज एमपी)-भोपाल की नजर गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक पर होगी। दरअसल, भोपाल दक्षिण-पश्चिम हिस्से में नया बायपास बनने जा रहा है। करीब 3000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस बायपास से जबलपुर-नर्मदापुरम से इंदौर-मुंबई जाने वाले वाहनों की दूरी 25 किमी कम होगी। यह मार्ग भोपाल जिले के कोलार, नीलबड़-रातीबड़, रायसेन जिले के मंडीदीप व सीहोर जिले की लगभग 10 लाख आबादी को लाभ देगा। भोपाल दक्षिण-पश्चिम बायपास प्रोजेक्ट का प्रस्ताव गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जा रहा है। मंजूरी मिलते ही प्रोजेक्ट की गति तेज होगी। यह बायपास 40.90 किमी लंबा होगा, जिसमें फोर लेन के साथ सिक्स लेन स्ट्रक्चर और दोनों तरफ दो लेन की सर्विस रोड होगी। इस मार्ग में जंगल का भी हिस्सा है। इसमें एक सिक्स लेन आरओबी, दो फ्लाईओवर, 15 अंडर पास और दो बड़े जंक्शन होंगे। इसके लिए जितने पेड़ कटेंगे, उतने ही दूसरी जगह नियमानुसार रोपे जाएंगे। इसे हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर बनाया जाना है। प्रोजेक्ट लागत 2,981 करोड़ होगी। 697 करोड़ सड़क विकास निगम निर्माण में खर्च होंगे। 1784 करोड़ एन्यूटी के जरिए 15 वर्षों में जुटाएंगे। प्रोजेक्ट के बीच भोपाल-इटारसी रेलवे लाइन भी आ रही है। इसके ऊपर सिक्स लेन आरओबी बनेगा। मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र भोपाल एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र इंदौर के बीच बेहतर कनेक्टिविटी बनेगी। जबलपुर और नर्मदापुरम से इंदौर-मुंबई की ओर जाने वाले यातायात में मदद होगी। जबलपुर और नर्मदापुरम की ओर से इंदौर जाने वाले वाहनों की दूरी लगभग 25 किमी कम होगी। इसके साथ ही भोपाल शहर से उन्हें नहीं गुजरना पड़ेगा। पश्चिमी बायपास के बनने के बाद उत्तर-पूर्व बायपास से यह मिलेगा। भोपाल के रिंग रोड की तरह भी काम करेगा। जमीन अधिग्रहण के लिए 460 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा। करीब 40 करोड़ रुपए सुपरविजन चार्जेज होंगे। दूसरी बड़ी उम्मीद : सतपुड़ा बिल्डिंग का रिनोवेशन होगा, 167 करोड़ का प्रस्ताव आग से राख हुए सतपुड़ा भवन और रखरखाव की जरूरत महसूस कर रही विंध्याचल बिल्डिंग को ठीक करने के लिए 167 करोड़ 59 लाख रुपए का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा रहा है। वल्लभ भवन की पुरानी बिल्डिंग का प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया गया है। इसके लिए तर्क दिया गया है कि इसके मूल स्वरूप में बिना कोई छेड़छाड़ किए ही उसे बेहतर करने का प्लान बनाया जाए। इसके बाद उसे कैबिनेट में लाया जाए। सतपुड़ा-विंध्याचल में बिजली, फायर, सेंट्रलाइज एसी, सीवेज ट्रीटमेंट, प्लंबिंग, कॉमन एरिया के साथ तमाम कामों को किया जाएगा। कैबिनेट के अन्य प्रस्ताव एम्स भोपाल को साकेत नगर के ग्राम बर्रई में 8.01 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। अशोक नगर में भाजपा दफ्तर के लिए भी जमीन का आवंटन होगा। नए बने सब डिवीजन के सेट-अप में राजस्व अधिकारी के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के पद का प्रावधान किए जाने के संबंध में। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की निजी स्थापना में लवीना फुलवानी की संविदा नियुक्ति दिए जाने पर निर्णय। मप्र जन अभियान परिषद में महानिदेशक के पद की सेवाएं तय होंगी।