भोपाल(ईन्यूज एमपी)- नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उमावि में आयोजित किया गया। इसमें सत्र 2023-24 में नवनियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नियुक्ति पत्र सौंपे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े। इस दौरान मुख्यमंत्री नवनियुक्त शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित भी किया। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार उपस्थित रहे। नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुआ। इसमें सत्र 2023-24 में नवनियुक्त 5580 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्ति पत्र सौपा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा शिक्षक वो कुम्हार है, जो माटी के लौंदे को जैसा चाहे वैसी मूर्तियां गढ़ दे। बच्चे भी माटी की की तरह होते हैं, उन्हें जैसा चाहे वैसा बनाया जा सकता है। शिक्षक के हाथ में देश के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी है, इसलिए आप साधारण नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य नौकरियों में किसी को बनाने की जिम्मेदारी नहीं होती है, वे कार्यालय में अपना काम करके चले जाते हैं। शिक्षा वह है जो इस लोक में भी और परलोक में भी मुक्ति दिलाए। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा वह है, जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। केवल अपने लिए नहीं दूसरे के बारे में भी सोचने वाला मनुष्य बनाएं। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार वर्चुअल जुड़कर नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बच्चों की चिंता करें, आपकी चिंता मैं करूंगा। आज गुरु का काम कठिन हो गया है। मन में यह भाव लाएं कि मैं मप्र की महत्वपूर्ण हस्ती हूं। अहंकार मन में ना लाएं, बल्कि जिम्मेदारी बनाएं। सुबह 10 से शाम पांच बजे वाला शिक्षक नहीं बनें। ऐसे शिक्षक बनें कि बच्चे आपको याद करें। बच्चों को कौशल आधारित शिक्षा दें, जिससे वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।