जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- हाई कोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष व विपक्ष में दायर 80 याचिकाओं पर आज शुक्रवार को सुनवाई होगी। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ में इन प्रकरणों की सुनवाई होगी। यह मामला वर्ष 2019 से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चाहता है मप्र शासन मध्य प्रदेश शासन की ओर से ओबीसी आरक्षण के समस्त प्रकरणों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए याचिकाएं भी दायर की गई हैं। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी के आरक्षण से जुड़ी लगभग 66 याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष बेंच बनाई हैं। कुछ याचिकाएं ओबीसी को 27 प्रतिश आरक्षण के विरोध में दाखिल की गई हैं तो कुछ याचिकाएं आरक्षण के समर्थन में दायर की गई हैं। ज्ञात हो कि सबसे पहले आशिता दुबे और अन्य की ओर से 2019 में याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने कई मामलों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगाई है, जो अब तक लागू है। वहीं इस मामले में सुनवाई भी जारी है। पड़ रहा भर्तियों में असर ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि उक्त प्रकरणों के अंतिम निराकरण नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश में की जाने वाली समस्त भर्तियों पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। कई भर्तियों में शासन ने 13 प्रतिशत पद होल्ड करके रखे हैं। इसमें सामान्य वर्ग के साथ-साथ ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा उम्मीदवार प्रभावित हैं।