भोपाल (ईन्यूज एमपी)- टाइगर स्टेट के नाम से जाने जाने वाले मध्यप्रदेश ने टाइगर स्टेट का तगमा लगातार दूसरे साल भी बरकरार रखा है। प्रदेश में टाइगर्स की संख्या 785 हो चुकी है। यह देश में सर्वाधिक है। पिछली बार जब गिनती हुई थी, तब प्रदेश में टाइगर की संख्या 526 थी। इस साल तक 259 टाइगर बढ़े हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। गौरतलब है कि टाइगर डे पर शनिवार को देशव्यापी बाघ गणना के आंकड़े जारी हो गए, जिसमें 165 बाघों के साथ बांधवगढ़ मध्य प्रदेश में अव्वल है जबकि देश में सबसे ज्यादा बाघों के साथ टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में अपना यह दर्जा कायम रखते हुए बहुत आगे निकल गया है। आज जारी आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे ज्यादा 785 बाघ मध्य प्रदेश में हैं। इसके बाद 563 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे और 560 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे पायदान पर है। टाइगर डे पर शनिवार को देशव्यापी बाघ गणना के आंकड़े जारी हो गए, जिसमें 165 बाघों के साथ बांधवगढ़ मध्य प्रदेश में अव्वल है। हाल में जारी रिपोर्ट में अभी प्रदेश में बाघो की संख्या का जिक्र है। बांधवगढ़ ग्रोथ रेट के मामले में अव्वल रहा है। वर्ष 2018 की गणना में भी बांधवगढ़ बाघों की ग्रोथ रेट में मध्य प्रदेश में अव्वल रहा था। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर ही एक सौ पचास से ज्यादा बाघ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बांधवगढ़ की सभी बीट में बाघ होने के संकेत मिले थे। एक ही क्षेत्र में सात से आठ बाघ घूमते हुए देखे जा रहे हैं। जबकि बांधवगढ़ से लगे हुए जंगलों में बीस से ज्यादा बाघ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यह बाघ भी बांधवगढ़ के जंगल में आते-जाते रहते हैं। इस तरह अकेले बांधवगढ़ और इससे लगे जंगल में ही पिछले चार साल में लगभग पचास बाघों के बढ़ने की संभावना बनी हुई है। सिर्फ बांधवगढ़ ही नहीं पूरा सर्किल में बाघों की भरमार है। शहडोल सर्किल में घुनघुटी, ब्यौहारी, जयसिंहनगर, अनूपपुर का जंगल शामिल है। इस पूरे क्षेत्र में बाघ दिखाई देते हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि बाघों का संसार टाइगर रिजर्व की सीमाओं के बाहर भी बढ़ रहा है। टाइगर रिजर्व में तो बाघों के संरक्षण के लिए करोड़ो रूपए खर्च किए जाते हैं लेकिन रेग्युलर फारेस्ट में बिना ऐसे किसी बजट के बाघों की मौजूदगी ने मध्य प्रदेश को एक बार फिर बाघों से उन्नत प्रदेश बनने की संभावना से भर दिया है। यह जानकारी स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट जबलपुर के उस रिसर्च में भी सामने आई थी जो प्रदेश में हुई चार वर्षीय गणना के विभिन्न स्तर को लेकर किया गया था। शहडोल जिले के घुनघुटी के जंगल में पहले भी बाघ दिखाई देते थे और इस बार भी यहां बाघ होने के चिन्ह पाए गए हैं। सीधी, ब्यौहारी, अमरकंटक, डिडौंरी सहित कई अन्य जंगलाें में भी बाघ दिखाई दिए हैं। रिसर्च के अनुसार इस बार की गणना में सतना जिले के जंगल में टाइगर दिखाई दिए और अनुमान है कि यहां 6 से 8 टाइगर हैं।