भोपाल (ईन्यूज एमपी)-भोपाल नगर निगम परिषद की मीटिंग करीब 30 मिनट देरी से सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई। वंदे मातरम के गायन के बाद निगम पर एनजीटी द्वारा लगाए गए 1 करोड़ रुपए के जुर्माने, सीवेज समेत अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी की कुर्सी भी घेर ली। सभी विषयों पर कांग्रेस पार्षदों ने जांच कराए जाने की मांग की। चर्चा के बाद अध्यक्ष ने पार्षदों को लौटा दिया। प्रश्नकाल की शुरुआत हुई। शुरू होने के 20 मिनट बाद ही परिषद की मीटिंग 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद महापौर राय एमआईसी सदस्यों से चर्चा करने लगी। इस मीटिंग में महापौर और अध्यक्ष के बीच चल रहे मतभेद फिर सामने आ गए। नेता प्रतिपक्ष शाबिस्ता जकी के लोक महत्व के सवाल पर अध्यक्ष सूर्यवंशी ने महापौर मालती राय को जवाब देने को कहा। इस पर महापौर ने एमआईसी मेंबर मनोज राठौर को जवाब देने के लिए अधिकृत करने की बात कही। इस पर अध्यक्ष सूर्यवंशी ने आपत्ति ली और कहा कि लोक महत्व के सवालों का जवाब महापौर को ही देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जकी ने भी महापौर द्वारा जवाब देने की बात कही। इसके बाद जकी ने सवाल पूछना शुरू किया। सवाल के बाद महापौर एमआईसी मेंबर से ही जवाब देने पर अड़ी रही तो अध्यक्ष सूर्यवंशी ने उन्हें ही जवाब देने को कहा। इस पर अध्यक्ष सूर्यवंशी ने मीटिंग को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया और कुर्सी से उठकर चले गए। अध्यक्ष ने महापौर को सवाल का जवाब देने के लिए 30 मिनट का समय भी दिया है। बता दें कि मीटिंग में कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद 'शहर सरकार' से कुल 15 प्रश्न पूछेंगे। वार्ड-34 के पार्षद पप्पू विलास राव घाड़गे ने सवाल लगाया कि महान राजा भोज एवं रानी कमलापति की प्रतिमा का रंग काला क्यों है? यह किस अधिकारी या राजनेता की कल्पना है। वहीं, सीवेज, सिनेमाघरों से टैक्स वसूलने, नरेला विधानसभा में कौन-कौन से काम हुए, किस निधि से वार्डों में कितने निर्माण कराए गए समेत अन्य सवालों पर भी विपक्ष की घेरने की रणनीति है। निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी की अध्यक्षता में मीटिंग शुरू हुई। सबसे पहले पार्षदों के प्रश्नों का एमआईसी मेंबर जवाब देंगे। नेता प्रतिपक्ष शाबिस्ता जकी, पार्षद अजीज उद्दीन, शीरीन खान, मो. सरवर, लईका रफीक कुरैशी, योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान, नसीम गफूर, पप्पू विलास राव घाड़गे, प्रताप वारे, नाहिद खान, जितेंद्र सिंह राजपूत ने यह सवाल पूछे हैं। पार्षदों के ये सवाल सिनेमाघरों से प्रति शो टैक्स की राशि 200 रुपए लिए जाने के लिए क्या एमआईसी से अनुमति ली गई है? लालघाटी, बैरागढ़ क्षेत्र में स्थित शादी हॉल और गार्डन के निर्माण और क्षेत्रफल की संख्या क्या है? सभी वार्डों में महापौर और मुख्यालय निधि से कौन से काम करवाए गए हैं? दक्षिण-पश्चिम और नरेला विधानसभा क्षेत्र में भोपाल कायाकल्प अभियान के तहत किन-किन वार्डों में कितनी राशि आवंटित की गई है? गांधी भवन के सामने स्मार्ट रोड एवं भोपाल शहर के विभिन्न स्थानों पर शराब की दुकानें खोलने की अनुमति किसकी अनुशंसा और किन शर्तों पर दी गई है? राजा भोज एवं रानी कमलापति की प्रतिमा का रंग काला क्यों है? एमपी नगर एवं शहर के विभिन्न स्थानों पर पार्किंग शुल्क एवं तहबाजारी शुल्क के अवैध रूप से वसूली किए जाने संबंधित भी प्रश्न पूछा गया है। सड़क-बस स्टॉप का नामकरण, पार्क को PPP मोड पर देने के प्रस्ताव भी मीटिंग में तीन बड़े प्रस्ताव आएंगे। इसमें अयोध्या नगर स्थित सरयू सरोवर पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित किए जाने, आनंद नगर तिराहे से पटेल नगर रायसेन रोड, इस्कान मंदिर तक के मार्ग का नाम 'स्वामी प्रभुपाद मार्ग' किए जाने, पटेल नगर बस स्टॉप का नाम 'इस्कान मंदिर' किए जाने के प्रस्ताव शामिल हैं। सरयू सरोवर पार्क : मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल ने सरयू सरोवर पार्क सहित अयोध्या नगर क्षेत्र को नगर निगम को काफी वर्ष पहले हस्तांतरित किया था। इसका निगम ने पीपीपी मोड पर विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। पीपीपी मोड पर दिए जाने से राजस्व की आय भी बढ़ेगी और रहवासी-पर्यटकों को सुविधाएं मिल सकेंगी। एमआईसी में इसे मंजूरी मिल गई है। स्वामी प्रभुपाद मार्ग होगा नाम : जोन-15 के अध्यक्ष राजेश चौकसे ने आनंद नगर तिराहे से पटेल नगर इस्कॉन मंदिर तक मार्ग का नाम 'स्वामी प्रभुपाद मार्ग' किए जाने एवं पटेल नगर बस स्टॉप का नाम 'इस्कान मंदिर' किए जाने का प्रस्ताव दिया था। जिसे एमआईसी ने मंजूरी दे दी। दोनों के ही पहले कोई नाम नहीं थे। इसलिए आपत्ति भी नहीं आई। ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के निपटान के लिए उपभोक्ता प्रभार की दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी एमआईसी की अनुशंसा के बाद परिषद में रखा जाएगा। यदि प्रस्ताव पास होता है तो उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। इतनी दरें बढ़ाने का प्रस्ताव शहरी सीमा में खुली जमीन, मैदान का रखरखाव एवं साफ-सफाई की व्यवस्था नगर निगम करता है। निगम को हस्तांतरित एवं निगम की स्वामित्व की सभी कॉलोनी एवं खुली भूमि, मैदानों को वैवाहिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं निजी कार्यों के लिए दिया जाता है। इसके लिए प्रतिदिवस के मान से निगम ने किराया भी निर्धारित कर रखा है। इसकी राशि में निगम बढ़ोतरी कर रहा है। 25 हजार वर्गफीट तक क्षेत्रफल वाले मैदान या खुल भूमि के लिए एक हजार रुपए प्रतिदिवस के मान से ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन शुल्क नियत होगा। 25 हजार वर्गफीट से एक एकड़ तक क्षेत्रफल वाले मैदान या खुली भूमि के लिए ढाई हजार रुपए प्रतिदिवस के मान से ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन शुल्क नियत किया जाना प्रस्तावित है। एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले मैदान या खुली भूमि के लिए पांच हजार रुपए प्रतदिवस राशि नियत करने का प्रस्ताव है।