भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप के बाद सरकार ने इस परीक्षा के आधार पर पटवारियों की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। सीएम शिवराज सिंह ने इस बात की जानकारी दी है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर ये मान लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है। सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि कर्मचारी चयन मंडल की समूह 2 उप समूह 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के रिजल्ट पर संदेह जताया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम का फिर से परीक्षण किया जाएगा। सीएम शिवराज ने पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर ये ट्वीट किया। सीएम शिवराज ने पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर ये ट्वीट किया। अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने इस फैसले के पहले कर्मचारी चयन मंडल के दफ्तर में बैठक की। इस दौरान उन्होंने परीक्षा केंद्रों और उठ रहे सवालों को लेकर चर्चा की। पटवारी भर्ती घोटाले के कर्ता-धर्ता कानून के शिकंजे में कब आएंगे: कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने नियुक्तियां रोकने का फैसला लेकर ये मान लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। कमलनाथ ने पूछा कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ता-धर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है? और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे? कमलनाथ ने ये ट्वीट किया... कांग्रेस ने कहा CBI जांच के कम मंजूर नहीं पटवारियों की नई नियुक्तियों पर रोक के सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएं। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि अब खुद सीएम शिवराज सिंह ने स्वीकार किया है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है, इसीलिए नियुक्ति तत्काल रोक दी है। उन्होंने कहा कि जब तक वास्तविक चेहरे बेनकाब नहीं होंगे हम चुप नहीं रहेंगें। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने भी पटवारी भर्ती परीक्षा की गड़बड़ी के मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को जेल भेजना चाहिए। विधायक के कॉलेज के सेंटर से टॉप-10 में 7 उम्मीदवार पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में टॉप-10 की लिस्ट में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के जिस केंद्र में परीक्षा दी, वह भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाहा (अब बीजेपी में शामिल हो चुके) का है। इस सेंटर से 114 लोगों का चयन हुआ है। विधायक के सेंटर से 7 टॉपर होने पर उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है। टॉप-10 में शामिल इन सातों उम्मीदवारों का सेंटर ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में था। इन उम्मीदवारों के रोल नंबर की सीरीज भी एक जैसे शुरुआती अंक ‘2488’ से हुई। इन सात में 5 उम्मीदवारों के हस्ताक्षर हिंदी में हैं। हस्ताक्षर में भी सिर्फ नाम लिखा गया है। किसी तरह की बनावट नहीं है। इसके बाद फर्जीवाड़े के आरोप बढ़ गए हैं। इन 7 टॉपर्स ने कुल 200 अंक में से 174.88 से 183.36 तक प्राप्त किए हैं। यह अंक नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के बाद फाइनल रिजल्ट में मिले हैं। अभ्यर्थियों ने प्रदेशभर में किया प्रदर्शन इससे पहले गुरुवार को मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा समेत अन्य भर्ती में धांधली के खिलाफ भोपाल और इंदौर समेत पूरे प्रदेश में स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आए। इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स ने दोपहर करीब 12.30 बजे कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर दिया। भोपाल में भी कर्मचारी चयन मंडल के सामने बड़ी संख्या में पटवारी अभ्यर्थी जुटे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जांच नहीं हुई, तो एक सप्ताह बाद भोपाल के जंबूरी मैदान पर आंदोलन करेंगे।