भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। इसमें लाडली बहना योजना में आयु सीमा में संशोधन, जिला और जनपद पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्षों का मानदेय तीन गुना बढाने, कर्मचारियों के प्रशिक्षण की नई नीति, क्षमता निर्माण नीति जैसे आदि इन प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है। सीएम मंत्रियों को दे सकते है अहम निर्देश इस कैबिनेट मीटिंग में सीएम शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र को लेकर मंत्रियों को कई अहम निर्देश दे सकते हैं। कई कई विषयों पर चर्चा भी हो सकती है। शिवराज सरकार के इस कार्यकाल के आखिरी सत्र के मद्देनजर CM शिवराज मंत्रियों को सत्र सहज रूप से चलाने की बात कह सकते हैं। साथ ही विपक्ष के आरोपों का मजबूती से जवाब देने के लिए कह सकते हैं। इन अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। कर्मचारियों के प्रशिक्षण की नई नीति का प्रस्ताव। प्रदेश में 22 साल बाद कर्मचारियों के लिए ये बदलाव होगा। क्षमता निर्माण नीति 2023 का प्रस्ताव।इसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य क्षमता निर्माण परिषद का गठन किया जाएगा। मिशन कर्मयोगी के नाम से दस करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा। प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए 11 जुलाई 2001 में प्रशिक्षण नीति लागू की गई थी। केंद्र सरकार वर्ष 2012 में संशोधित नीति लागू कर चुकी है, पर प्रदेश में पुरानी नीति ही चली आ रही है। इसमें लोक सेवकों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया गया है।नीति के दायरे में प्रथम श्रेणी, संविदा से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी आएंगे। बड़े पैमाने पर क्षमता निर्माण के कार्यक्रम होंगे। विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाओं की सेवाएं ली जाएंगी। प्रत्येक पांच वर्ष में नीति की समीक्षा होगी। प्रत्येक विभाग के वेतन मद में उपलब्ध बजट में से एक प्रतिशत राशि से मिशन कर्मयोगी नाम से बजट शीर्ष बनाया जाएगा, जो दस करोड़ रुपये का होगा। प्रत्येक जिले में एक-एक बालक/बालिका समरसता छात्रावास के भवन निर्माण के लिए 370 करोड़ रुपए की स्वीकृति मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पात्रता आयु 23 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव आज कैबिनेट में प्रस्तुत किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।चुंकी 25 जुलाई से आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होना है, इसमें जिनके पास ट्रैक्टर है, उन्हें भी प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाने का प्रविधान होगा। अभी एक करोड़ 25 लाख विवाहित महिलाओं को एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पंच व उप सरपंचों को अब तीन गुना मानदेय मिलेगा। मानदेय और अन्य भत्तों में वृद्धि करने की सीएम की घोषणा केे बाद आज कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस वृद्धि से सरकार पर प्रतिवर्ष 56 करोड़ 38 लाख रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। बता दें, सरपंचों का मानदेय पिछले साल दिसंबर में ही बढ़ाया जा चुका है। उन्हें पहले प्रतिमाह 1750 रुपये मिल रहे थे। इसे बढ़ाकर 4250 रुपये कर दिया गया था।