सतना (ईन्यूज एमपी)-सतना जिले में वर्ष 2016-17 में हुए सूखा राहत घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने तीन पटवारियों को निलंबित कर दिया है। इन पटवारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कराई जाएगी। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सूखा राहत राशि के गबन के मामले में अमरपाटन तहसील के लालपुर हलका पटवारी विनीत रत्नाकर, इटमा हलका पटवारी त्रिलोक सिंह और रघुराजनगर तहसील की पासी हलका पटवारी अर्चिता शर्मा को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह से इस संबंध में पालन प्रतिवेदन तलब किया है। वर्ष 2016-17 में सतना जिले में सूखे के हालात बने थे, लिहाजा राज्य शासन ने किसानों को राहत देने के लिए सूखा राहत राशि आवंटित की थी। पटवारियों को किसानों के खातों में यह राशि पहुंचानी थी, लेकिन दो तहसीलों के आधा दर्जन गांवों के पटवारियों ने इस राहत राशि मे खेल कर दिया। उन्होंने बैंक खाते और आईएफएससी कोड बदल कर किसानों के हक की राहत राशि अपने परिचितों और परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर दी। जब किसानों ने राहत राशि न मिलने की शिकायत की और जांच हुई तो पता चला कि पटवारियों ने घोटाला कर सरकारी खजाने को 12 लाख 94 हजार की चपत लगा दी थी। अमरपाटन और रघुराजनगर के तहसीलदारों से कराई गई जांच की रिपोर्ट आने के बाद पटवारियों से रिकवरी के आदेश जारी किए गए थे। मूल राशि 12 लाख 94 हजार पर 7 लाख 76 हजार 705 रुपए का ब्याज भी अधिरोपित कर कुल 20 लाख 71 हजार 214 रुपए वसूले जाने थे। कई पटवारियों ने राशि वापस शासन के खाते में लौटा दी, लेकिन विनीत रत्नाकर, त्रिलोक सिंह एवं अर्चिता शर्मा ने तमाम चेतावनियों के बावजूद ऐसा नही किया, लिहाजा इन तीनों पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर ने इनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू कराने के आदेश भी दिए हैं।