सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिले के जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत मनरेगा योजना मे भ्रष्टाचार करने की खबरें लगातार सामने आ रही थी। ऐसी ही शिकायत की सुनवाई करते हुए न्यायालय उपखंड अधिकारी कुसमी आरके सिन्हा ने जीआरएस रौहाल विवेक सिहं व उपयंत्री अशोक सिहं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही सीधी जिला कलेक्टर के पास कार्यवाही के लिए भेजा है। न्यायालय मे ग्राम पंचायत कोडार के देवार्थ नौढिया व ग्राम पंचायत रौहाल जनपद पंचायत कुसमी के ग्रामीणों द्वारा दस्तावेज सहित न्यायालय में उपस्थित होकर शिकायत की गई कि ग्राम रोजगार सहायक विवेक सिंह व उपयंत्री के द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर मृतक व्यक्तियों के नाम व शासकीय सेवा पर कार्य कर रहे व्यक्तियों के नाम से मस्टर रोल बनाया जाता था। शासकीय राशि का गबन भी किया गया है और अमृत सरोवर के 63 लाख रुपए निकाले गये हैं। इसमें संबंधित ग्राम पंचायत के किसी भी मजदूर को मजदूरी नहीं दी गई और महीनों से कार्य कराया गया। इसलिए ग्राम रोजगार सहायक और उपयंत्री के विरुद्ध शासकीय राशि की वसूली किए जाने और सेवा से पृथक किए जाने और केस दर्ज कराए जाने का निवेदन किया गया था। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय कुसमी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। यह आदेश 19 दिसंबर की शाम को आदेश पारित कर दिया गया था लेकिन इसकी जानकारी आज 22 तारीख को लगी है। जैसे ही आज इसकी जानकारी लोगों को लगी लोगों में खुशी देखी जा रही है वहीं जीआरएस व उपयंत्री अब अपने बचाव के लिए प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं। ये लगे थे आरोप जीआरएस पर आरोप थे कि ग्राम पंचायत रौहाल के मनरेगा में करोड़ों रुपए के फर्जी बिल का भुगतान मनरेगा में किया गया। जिसमें न केवल लोगों के नाम व उनके जाति बदलकर राशि आहरित करने का आरोप लगाया गया था। बल्कि कुछ मृतक लोगों का नाम मनरेगा में दर्ज कर राशि आहरित किया गया,जो की नियम विरूद्ध होकर शासकीय राशि का गबन की श्रेणी में आता है।