सीधी(ईन्यूज एमपी)- दोनों पैर से दिव्यांग युवती ने बाजुओं को मजबूत किया। कड़ी मेहनत कर घर परिवार का भरण पोषण कर रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं मझौली जनपद के मझिगवां गांव निवासी 35 वर्षीय सविता रावत दोनों पैर से दिव्यांग हैं। अब महीने की कमाई 10 से 15 हजार रुपये हो गई है। स्वरोजगार की राह में आ रही रुकावट को आजीविका मिशन ने दूर किया। सविता की मेहनत को देखकर आजीविका मिशन के लोगों ने जब अन्य दिव्यांग महिलाओं को बताया तो वे महिलाएं भी सविता से प्रभावित हुईं। जिसका नतीजा यह है कि जिले की अन्य महिलाओं ने खुद का रोजगार स्थापित कर खुद का और परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। 35 वर्षीय सविता रावत दिव्यांग ने बताया कि वर्ष 2018 से पहले मेरे घर परिवार की यह हालत थी कि दो वक्त की रोटी का इंतजाम भी बमुश्किल होता था। घर में कोई अतिथि आ जाए तो सोचने के लिए मजबूर होते थे। यदि घर में कोई अचानक बीमार हो गया तो समझो लगता था कि आसमान टूट गया। अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरों से हाथ फैलाना पढ़ता था। इतना ही नहीं समय पर पैसा वापस नहीं करने पर दोबारा कर्ज भी नहीं मिलता था। यह बताते हुए सविता का गला भर गया। अब यह परेशानी दूर हो गई है। दिव्यांग सविता बताती हैं कि वर्ष 2018 में ठंड का दिन था। बाहर बैठकर धूप सीख रहे थे तभी विकासखंड प्रबंधक मझौली आजीविका मिशन पहुंच गए। दिव्यांगता देख मेरे घर परिवार के बारे में बारीकी से जानकारी जुटाई। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन के द्वारा स्वरोजगार के लिए बीस हजार रुपये का लोन आसानी से मिल जाएगा। आप अपना खुद का व्यापार शुरू कर सकती हैं। इसके बाद अपने किराना और सिलाई का काम शुरू किया। इसके बाद फिर चालीस हजार रुपये का लोन लेकर व्यापार को बढ़ाया। किस्मत बदलने के लिए किस्मत से ही लड़ना पड़ा लेकिन अब मेरा पूरा परिवार खुश है।