सीधी (सचीन्द्र मिश्र )-सीधी जिले में खाकी इन दिनों बेलगाम होती जा रही है एक ओर जहां सरकार कि मंशानुरूप जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुलिस और आम पब्लिक के बीच समन्वय स्थापित करने में लगे हैं तो वहीं मैदानी अमला आम लोगों में चौथी शताब्दी की तर्ज पर खाकी का खौफ लोगों के जहान में भरने में लगा हुआ है जिसका हाल ही मे एक बेरहम उदाहरण खड्डी क्षेत्र में देखने को मिला है जंहा जनहित के लिए लगाए जा रहे हो एक स्वास्थ्य कैंप की सूचना आमजन को पहुंचाने निकले ऑटो सवार को पुलिस ने बीच रास्ते में बेरहमी पूर्वक जानवरों की तरह पीट दिया जिसे देखकर हर किसी के जहान में खाकी के प्रति खौफ और नफरत का माहौल है। जी ...हां ...बता दें कि रोंको टोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक और वरिष्ठ समाजसेवी उमेश तिवारी द्वारा अपने न्यायाधीश पुत्र स्वर्गीय ऋषि तिवारी की याद में अपने गृह ग्राम हनुमानगढ़ स्थित ऋषिकेश आश्रम में प्रत्येक माह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कराया जाता है जिससे आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिलता है आगामी 8 नवंबर को होने वाले वृहद स्वास्थ्य शिविर को दृष्टिगत रखते हुए उनके द्वारा ऑटो वाहन में माइक की व्यवस्था कर जगह-जगह लोगों को शिविर की जानकारी पहुंचाई जा रही थी जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग बाहर से आने वाले विभिन्न मर्जों के डॉक्टरों से स्वास्थ्य लाभ ले सके । लेकिन शायद खड्डी पुलिस को यह नागवार गुजरा और उन्होंने बीच रास्ते में ऑटो चालक को रोंककर उनके साथ निर्दयता पूर्वक मारपीट की जिसकी तस्वीरें सार्वजनिक हो चुकी है । गौरतलब है कि सीधी की खाकी का यह कारनामा कोई नया नहीं है इसके पूर्व भी खाकी के कई कारनामे जिले और जिले के बाहर उजागर हो चुके हैं जिसमें खाकी धारियों द्वारा बेरहमी पूर्वक आमजन से मारपीट की गई पूर्व में एक रेलवे स्टेशन पर आरक्षक द्वारा किया गया ऐसा ही कारनामा उजागर हो चुका है और आज पीड़ित के शरीर की हालत देखकर उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। बतादें कि उमेश तिवारी जिले के वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता एवं रोंको टोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक हैं जिनका स्वभाव भी जनहित के लिये बेहद उग्र रहा है, आमजन की समस्याओं को लेकर वह किसी भी हद तक जाने के लिए प्रसिद्ध हैं फिर चाहे वह प्रशासन हो या कोई उद्योगपति और अब समाज सेवा के कार्य में बाधा डालने वाली पुलिस का यह अमानवीय कृत्य कहीं उमेश तिवारी के उग्र स्वभाव को फिर से ना जागृत कर दें इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए अपराधी कितना भी बड़ा क्यों ना हो उसे ऐसे सरेराह पीटने का अधिकार किसी को नहीं है और बात जब जनहित की सेवा को लेकर कार्य कर रहे लोगों की हो तो उनके साथ दर्व्यवहार कहां तक सही है जिस बेरहमी के साथ सरेराह एक व्यक्ति को पीटा गया नियम कायदे और मानवता दोनों के विपरीत है । पिटने वाला फरियादी व्यक्ति कौन है मैं कतई नही जानता ...? पीटने वाला आरोपी खाखी कौन है मैं कतई नही जानता ...? मुझे पता है तो सिर्फ और सिर्फ वेदना युक्त वायरल तस्वीर और समाजसेवी उमेश तिवारी द्वारा देर रात्र दूरभाष पर हमारे साथ साझा की गई मानवीय कामों को लेकर पीड़ा ... बहरहाल जो कुछ हुआ अच्छा नही हुआ । समझा जाता है कि जिले के वरिष्ठ पुलिस कप्तान आज इस मामले में कुछ बड़ा निर्णय लेगें ।