सीधी ( सचीन्द्र मिश्र ) सरकार द्वारा भले ही पारदर्शी एवं जवाबदेही प्रशासन की बात की जाती हो लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी और डेली अपडाउन की प्रवृति के कारण सरकारी दफ्तरों की दशा खराब है। जी ..हां ...हम बात कर रहे हैं पीडब्ल्यूडी विभाग मझौली की जंहा पर एस.डी.ओ. से लेकर उपयंत्री टाइमकीपर तक जो अपने अपने मुख्यालयों से इतर जिला मुख्यालय में लम्बे अर्से से निवासरत हैं । सच की बात तो तब प्रकाश में आई जब पीडब्ल्यूडी अमले के मझौली से नदारत रहने की पुष्टि खुद एसडीएम मझौली ने करते हुय कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया गया । लेकिन एसडीएम की चिट्ठी कचरे की टोकरी में आज भी वास कर रही है और पीडब्ल्यूडी के एसडीओ और उपयंत्री आज भी जिला मुख्यालय मे रहकर धड़ल्ले से लालपीला कर रहे हैं । हद तो तब होती है जब जिला मुख्यालय स्थित फूलमती देवी मंदिर से लेकर छत्तीसगढ़ वार्डर जनकपुर जैसे सर्वाधिक दूरी करीब 140 किलोमीटर वाले सेक्सन का रखरखाव सिविल लाइन सीधी से होता हो ... सेक्सन मुख्यालय पथरौला हो और लालपीला सीधी से ...? जानकारी के मुताबिक इस सेक्शन के उपयंत्री का मुख्यालय पथरौला है फिर लम्बे अर्से से निवास सीधी मे कैसे ...? एसडीएम मझौली द्वारा वार वार आगाह करने के वावजूद इन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नही होना भी समझ से परे है । बतादें कि पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारी मझौली से लेकर उपयंत्री तक सभी ने अपना अपना मुख्यालय केवल कागजों में मझौली अथवा सेक्सन मुख्यालय गैंगहट को भले हेडक्वार्टर निरूपित करते हों किंतु सच्चाई यह है कि सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी मझौली क्षेत्र से नदारद रहते हैं । देखना होगा कि सीधी कलेक्टर इन चिन्हित अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ आगे क्या कदम उठाते हैं ।