सतना (ईन्यूज एमपी)- नगर निगम सतना के दो अधिकारियों को समीक्षा बैठकों में लेटलतीफी, गैरहाजिरी के लिए बहानेबाजी महंगी पड़ी है। कलेक्टर ने नगर निगम के अधीक्षण यंत्री और सहायक फायर अधिकारी को विभागीय जांच की चेतावनी के साथ निलंबन का नोटिस थमा दिया है। कलेक्टर व प्रशासक नगर पालिका निगम सतना अनुराग वर्मा ने अधीक्षण यंत्री एसके सिंह और असिस्टेंट फायर अफसर राम प्रसाद सिंह परमार को निलंबन की चेतावनी दी है। नोटिस जारी कर कलेक्टर ने इन दोनों अफसरों की रवैये को शासकीय सेवकों के आचरण के प्रतिकूल तथा वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर उनके आदेश की अवहेलना करने वाला माना है। दरअसल प्रशासक नगर निगम और कलेक्टर प्रत्येक माह के द्वितीय गुरुवार को नगर निगम के काम काज की समीक्षा करते हैं, लेकिन अधीक्षण यंत्री एसके सिंह और सहायक फायर अधिकारी आरपी सिंह परमार लगातार दो माह से बैठकों में उपस्थित नहीं हुए। अधीक्षण यंत्री सिंह के पास नगर निगम की कॉलोनी सेल तथा भवन अनुज्ञा का जिम्मा है जबकि परमार को फायर सेफ्टी ऑडिट का काम सौंपा गया है। बैठकों में इन दोनों की लापरवाही के कारण इन दोनों ही कार्यों की समीक्षा दो माह से नही हो सकी। बैठक में न जाने के लिए बनाया बहाना अपनी स्वेच्छाचारिता और मनमानी कार्यशैली के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सहायक फायर अफसर आरपी सिंह परमार फरवरी की बैठक में एक्सीडेंट होने का बहाना बना कर नही पहुंचे। उनके बारे में पूछने पर कलेक्टर को यह बताया गया कि बैठक में आते समय ही परमार चोटिल हो गए। जब मार्च में बैठक हुई तो परमार उसी दिन आकस्मिक अवकाश ले कर गायब हो गए। दरअसल अपनी मनमानी की शिकायतों पर फटकार से बचने परमार कलेक्टर के सामने जाने से कतराते रहे ,कलेक्टर ने उनकी बहानेबाजी पकड़ की और निलंबन का नोटिस थमा दिया। लेट आए जानकारी भी नहीं लाए अधीक्षण यंत्री एसके सिंह फरवरी और मार्च दोनों ही महीनों में हुई बैठकों में देरी से पहुंचे। फरवरी में तो उन्होंने सफाई में यह कह दिया कि उन्हें बैठक का पता ही नहीं था। मार्च में भी उनकी लेटलतीफी जारी रही। वे फिर देरी से आए और जानकारी भी नहीं लाए।