रीवा(ईन्यूज एमपी)- लोकायुक्त पुलिस ने जिला पंजीयक (रजिस्ट्री) कार्यालय में पदस्थ एक भ्रष्टाचारी स्टेनो को बेनकाब किया है। उसे 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। दावा है कि आरोपी स्लॉट बुकिंग में फंसे 1.20 लाख रुपए निकालने के एवज में रकम मांग रहा था। बिना पैसे लिए काम करने को तैयार नहीं था। पीड़ित लोकायुक्त एसपी के पास पहुंचा था। आवेदन का सत्यापन कराने पर शिकायत सही पाई गई। ऐसे में सोमवार की दोपहर रजिस्ट्री कार्यालय से रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया है। लोकायुक्त की टीम स्टेनो को लेकर राजनिवास विश्राम गृह लेकर पहुंची है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही रजिस्ट्री कार्यालय के डीआर की भूमिका की जांच की जा रही है। लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर 12.30 बजे धीरेन्द्र सिंह तोमर पुत्र वंश बहादुर सिंह (30) निवासी ग्राम खोहर तहसील तहसील महू जिला चित्रकूट उत्तर प्रदेश पद स्टोनो रजिस्ट्री कार्यालय रीवा को 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता दीपक पाण्डेय पुत्र कृपा शंकर पाण्डेय (35) निवासी गुलाब नगर ने कुछ दिन पहले रीवा लोकायुक्त एसपी कार्यालय पहुंचकर आवेदन दिया था। मां और मौसी के नाम बुक था स्लॉट पीड़ित का आरोप था कि जून 2021 में मैने अपनी मां सरोज पाण्डेय और मौसी शकुंतला पाण्डेय के नाम पर रजिस्ट्री कराने के लिए स्लॉट बुक कराया था, लेकिन किसी कारण रजिस्ट्री नहीं हो पाई। ऐसे में अपना 1.20 लाख रुपए पाने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय का चक्कर लगा रहा था। तब डीआर ने स्टेनो से मिलने के लिए बोला। सत्यापन उपरांत शिकायत सही पाए जाने पर शुक्रवार को ट्रैपिंग के लिए डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के मार्गदर्शन में निरीक्षक जियाउल हक के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय टीम भेजी थी। कार्यालय में खुल्लम-खुल्ला ले रहा था पैसे लोकायुक्त ने बताया कि पीड़ित ने स्लॉट के रिटेंशन के लिए आवेदन किया था, जहां डीआर 6 हजार रुपए, 4 हजार स्टेनो और 2 हजार रुपए क्लर्क के नाम पर रकम मांग रहा था। ऐसे में लोकायुक्त के बनाए प्लान के अनुसार शिकायतकर्ता 12 हजार रुपए की रकम लेकर पहुंचा। जैसे ही आरोपी धीरेन्द्र सिंह तोमर को रिश्वत के 12 हजार रुपए दिए। वैसे ही स्टेनो काउंटर में रख लिया। इसी बीच पीड़ित का इशारा मिलते ही लोकायुक्त ने धर दबोचा। संदेह के दायरे में डीआर की भूमिका दैनिक भास्कर से बातचीत में लोकायुक्त एसपी ने कहा है कि आरोपी स्टेनो जिनका-जिनका नाम लेगा, उन पर जरूर कार्रवाई होगी। अब कार्रवाई से कोई नहीं बच सकता है। शिकायतकर्ता ने भी बार-बार डीआर पर आरोप लगाए है। बता दें कि रजिस्ट्री कार्यालय एक ऐसा विभाग है। जहां रिश्वत बिना कोई काम नहीं होता है। रजिस्ट्री लेखक के माध्यम से बड़े अधिकारी से लेकर छोटे अधिकारी तक पैसा लेते है