सीधी (ईन्यूज एमपी)- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष अमिताभ मिश्र द्वारा आज दिनांक 11 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 19 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया है। जिला न्यायालय सीधी में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री डी.के. नागले, विशेष न्यायाधीश श्री अजीत सिंह, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र कुमार, चतुर्थ जिला न्यायाधीश श्री राजेश सिंह, पंचम जिला न्यायाधीश श्री उमेश कुमार शर्मा, प्रथम के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्री ललित कुमार झा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री पुष्पक पाठक एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री लवकेश सिंह, सुश्री प्रीति पाण्डे, श्री प्रदीप कुमार परिहार, श्री शुभ्रांषु ताम्रकार, श्री विशद् गुप्ता, श्री प्रशांत पाण्डे श्रम न्यायाधीश, श्रम न्यायालय की न्यायिक खंडपीठ का गठन किया गया है। सिविल न्यायालय चुरहट में न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री भाविनी सिंह, सिविल न्यायालय मझौली में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री धनकुमार कोडोपा, नीरज कुमार ठाकुर एवं प्रीति प्रसाद तथा सिविल न्यायालय रामपुर नैकिन में श्री आर.पी. कतरौलिया द्वितीय जिला न्यायाधीशध्श्रृंख्ला न्यायालय रामपुर नैकिन एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री शैलेन्द्र रैकवार की खंडपीठों का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, सिविल प्रकरणों, चेक बाउंस प्रकरणों, वैवाहिक एवं पारिवारिक प्रकरणों, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों, धन वसूली प्रकरणों आदि का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पॉंच किलो वाट तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जावेगी। इन प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत दिनांक 11.12.2021 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस, अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी। नगरीय निकाय के अंतर्गत संपत्तिकर एवं जलकर के अधिभार में छूट दी गई है। संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50000 रूपये बकाया है उसमें अधिभार पर 100 प्रतिशत, 50 हजार से अधिक तथा 1 लाख रूपये बकाया होने पर 50 प्रतिशत एवं 1 लाख से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 25 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 10 हजार रूपये बकाया है उनमें मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत, 10 हजार रूपये से अधिक तथा 50 हजार रूपये तक बकाया होने पर अधिभार में 75 प्रतिशत एवं 50 हजार रूपये से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। यह छूट वर्ष 2019-2020 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी तथा छूट उपरांत राशि अधिकतम दो किश्तों में जमा करवाई जा सकेगी जिसमें से कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा करवाना अनिवार्य होगा। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने अपील की है कि दिनांक 11 दिसंबर 2021 को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण कराये तथा विवाद विहीन समाज की संकल्पना में न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करे।