मंडला (ईन्यूज एमपी)- तेलंगाना में बाल मजदूर के रूप में काम कर रहे 15 किशोरियों और एक बच्चे को मुक्त कराया गया है। ये सभी मजदूरी करने तेलंगाना गए थे। वहां वे एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। जहां पर अंडे की ट्रे बनाई जाती थी। सभी की उम्र 15 से 17 वर्ष के बीच है। एनजीओ मुस्कान नामक संस्था को जानकारी मिली थी कि कम उम्र के बच्चों को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। इसके बाद एनजीओ मुस्कान ने सभी को मुक्त कराया और उन्हें तेलंगाना के बालिकागृह में रखा गया है। मंडला पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ तेलंगाना में एफआइआर हुई है। इसके पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर से 18 बच्चों को छुड़वा गया था। रायपुर में इन बच्चों को अवैध रूप से बालग्रह में रखा गया था। एक ही कक्ष में बालक व बालिका रह रहे थे। इस तरह मंडला जिले के छग और तेलंगाना से करीब 34 बच्चों को मुक्त कराया गया है। रायपुर में 18 बच्चों को वहीं जिले के ग्रामीण अंचल से बच्चों को रायपुर ले जाया गया था। जहां उन्हें अवैध रूप से बालगृह में रखा गया था। अब इन दोनों मामलों को बाल कल्याण समिति देख रही है। महिला बाल विकास विभाग और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। महिला बाल विकास विभाग दोनों ही मामलों में बच्चों के स्वजनों से मिलकर टीम भेजकर सोशल इंवेस्टीगेटिंग रिपोर्ट (एसआइआर) तैयार करा रही है। दोनों मामलों को किशोर न्याय बोर्ड के तहत बाल कल्याण समिति ही इस मामले को देखेगी। महिला बाल विकास अधिकारी मंडला श्वेता तड़वे ने बताया कि तेलंगाना में 15 बालिकाएं मिली हैं। इन बालिकाओं से आज बाल कल्याण समिति वीडियो कांफ्रेसिंग से सीधे बात करेगी। उनसे पूछताछ की जाएगी। उसके बाद ही तय होगा कि क्या होना है। यदि उन बच्चियों को वापस लाया जाना है तो भी बाल कल्याण समिति को ही तेलंगाना की बाल कल्याण समिति के माध्यम से सौंपा जाएगा।