भोपाल ( ईन्यूज एमपी)निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत ऑनलाइन आवेदन के बाद को आवेदन में दर्ज की जानकारी अनुसार 1 जुलाई 2021 तक दस्तावेज सत्यापन कराना अनिवार्य है। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री धनराजू एस ने बताया कि आरटीई के तहत जिन बच्चों के आवेदन किये गए है, उनके माता-पिता या अभिभावक आवेदन में दिए गए दस्तावेजों की मूल प्रति को निकट के जनशिक्षा केन्द्र, जो सामान्यतः शासकीय हाई स्कूल या हायर सेकेन्डरी स्कूल है, वहाँ ले जाकर सत्यापन करवा लें। संबंधित केन्द्र में दस्तावेज सत्यापन नहीं कराने पर आवेदन निरस्त हो जायेगा। सत्यापन के उपरांत पात्र पाये गये आवेदकों को अशासकीय स्कूलों में सीटों का आवंटन, आवेदन की पात्रता अनुसार और आवेदक द्वारा प्रदत्त विकल्पों के आधार पर पारदर्शी ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा। मूल दस्तावेजों में मुख्यतः जाति प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि है। श्री धनराजू ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुये सत्यापन के लिए बच्चों को सत्यापन केन्द्र ले जाने की आवश्यकता नही है। पालक वर्तमान में मध्यप्रदेश में जिस जिले में है, उसी जिले में निकट के जनशिक्षा केन्द्र में जाकर सत्यापन करा सकते है। सत्यापन-कर्ता अधिकारियों को मोबाइल एप से सत्यापन करने की पारदर्शी व्यवस्था प्रारंभ की गयी है। सत्यापन के बाद तुरंत ही पालक को पात्र अथवा अपात्र होने की सूचना एसएमएस से भेजी जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष से आरटीई एमपी मोबाइल एप पालको की सुविधा के लिए प्रारंभ किया है। इस एप पर पालक आसपास के अशासकीय स्कूल और उनमें आरक्षित सीटों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। अपनी पात्रता जान कर आवेदन पत्र का प्रारूप डाउनलोड कर सकते है। पालक अपने निकट के सत्यापन केन्द्र और सत्यापन अधिकारियों की जानकारी प्राप्त कर सकते है। पालक इस एप को गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड कर सकते है।निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की 12 (1) (ग) के अर्न्तगत सत्र 2021-22 हेतु गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू है। पालक जो अपने बच्चों को प्रायवेट स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में प्रवेश के इच्छुक है, वह आरटीई पोर्टल http://rteportal.mp.gov.in पर अपने बच्चे का ऑनलाइन आवेदन दर्ज कर सकते है। अभी तक लगभग एक लाख बच्चों के पालकों ने ऑनलाइन आवेदन दर्ज किये !