जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रुद्रप्रताप सिंह बाबा ने विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से मांग किया है कि यूं तो हर तबका इस महामारी से बदहाल हुआ है लेकिन किसान लगातार दूसरे वर्ष भीषण महामारी से पूरी तरह टूट चुका है सरकार किसानों को राहत देने के बजाय खाद का मूल्य पहले से बढ़ा चुकी है और बीज के पूर्व निर्धारित नियम में संशोधन कर वह भी नहीं उपलब्ध करवा रही है इस कारण किसान बदहाल है किसानों को इस बरसात में चिंता सताने लगी है कि किस तरह से खेत मे फ़सल उगाई जाय क्योंकि पिछले साल से लगातार सभी संस्थान बन्द हैं कुछ समय के लिए राहत मिली जैसे ही जनजीवन सामान्य होने लगा तभी पुनः महामारी ने अपने आगोश में ले लिया कई अपने काल कलवित हो गए एक तरफ अपनो को खोने का गम तो दूसरी तरफ उदर पूर्ति की समस्या पंचायतो में भी उन्हें काम नहीं मिल रहा इस कारण उन्हें उड़द,मूंग,की किट सहित उच्च गुणवत्ता की धान का बीज उपलब्ध कराया जाना नितांत आवश्यक है चारो तरफ महंगाई ही महंगाई कंपनियों में काम करके अपने परिवार पालने वाले घरों में कैद हैं क्योंकि सबकुछ बंद है सीधी ऐसा जिला है जो मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में रहा है और अभी भी लाकडाउन का दंस झेल रहा है सरकार कोविड मृतकों के परिजनों को राहत देने के बजाय मौत के आंकड़ो से खेल रही है ताकि सरकार द्वारा घोषित राहत राशि परिजनों को न देनी पड़े कई ऐसे उदाहरण जिले में मौजूद हैं जिनकी मृत्यु कोविड से हुई लेकिन प्रशासन सामान्य मौत का प्रमाण पत्र दे रहा है ऐसे में बेचारी जनता कहां जाय इस दोहरी मार से ऐसा लगने लगा है कि देश प्रदेश में लोकतांत्रिक सरकारें हैं ही नहीं बल्कि राजतंत्र जैसे बेरहम फरमान जारी हो रहे हैं इस त्रासदी में अगर किसान अपने हौसले हार गया तो पूरा देश बदहाल हो जाएगा क्योंकि लगातार लाकडाउन से उदरपूर्ति कैसे होगी इसकी चिंता जरूर अभी से करना चाहिए वैसे भी घरेलू उपयोग की सम्पूर्ण वस्तुएं सब्जी फल इत्यादि का मूल्य आसमान छू रहा है उक्त मांग जिला कांग्रेस कमेटी सीधी ने जनहित में किया है अगर ऐसा नहीं हुआ तो जनहित का अवमूल्यन होगा और आने वाले समय मे सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा सरकार की जिम्मेदारी बनती है लघु एवं सीमांत किसानों को मुफ्त खाद बीज उपलब्ध कराए। *अभी भी नहीं पहुंच पाई है समितियों में खाद* खरीफ फसलें बोने धान लगाने का समय शुरू हो गया है जिले में सामान्य बारिश भी हो चुकी है किसान अति चिंतित है तो न खाद मिल रहा न बीज क्योंकि अधिकतम समितियों में खाद अभी तक नहीं है और न ही समिति सेवक ताला खोलते हैं प्रशासन जिला स्तर में मुहिम चलाये ताकि तत्काल किसानों को राहत दी जा सके अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान अपनी उचित किसानी से चूक जाएगा यह विदित तथ्य है कि भारतीय कृषि मानसून का जुआ है इस कारण सही समय मे सब कुछ उपलब्ध होना नितांत जरूरी है और ऐसा प्रशासन के सहयोग से ही सम्भव है।