भोपाल (ईन्यूज एमपी) मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की बोवनी के लिए जरूरी डीएपी खाद की बोरी 1200 रुपये से ज्यादा में नहीं बेची जाएगी। यदि किसी सहकारी समिति द्वारा किसान से तय से अधिक कीमत ली जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से कहा कि खाद-बीज की कालाबाजारी, जमाखोरी या फिर अधिक कीमत लेने की शिकायत सीधे उनसे करें। किसानों के साथ गड़बड़ी करने वाले को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश में तीन लाख टन डीएपी उपलब्ध है। स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीएपी को लेकर इस साल शुरुआत में असमंजस की स्थिति थी। पहले 1200 रुपये बोरी में किसानों को खाद दी गई। बाद में यह 1700 और फिर 1900 रुपये प्रति बोरी हो गई। राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से बढ़ी हुई कीमत को वापस लेने का अनुरोध किया गया। अन्य राज्यों से भी मांग आई, जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ी हुई कीमतों का भार किसान पर नहीं आने देने का निर्णय किया। सरकार ने तय किया कि किसान को 1200 रुपये में ही प्रति बोरी डीएपी मिलेगी। इसके लिए सरकार ने अपना अनुदान बढ़ा दिया। इसके बाद भी कुछ सहकारी समितियों ने बढ़ी हुई दरों पर किसानों को खाद बेची। इसको लेकर शिकायतें भी मिली हैं। इसे देखते हुए राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के प्रबंध संचालक पी. नरहरि ने निर्देश दिए हैं कि किसान को 1200 रुपये बोरी से अधिक दर पर खाद नहीं बेची जाएगी, भले ही बोरियों पर दर कुछ भी अंकित क्यों न हो। दरअसल, बोरियों पर 1200, 1700 और 1900 रुपये एमआरपी दर्ज है। संयुक्त पंजीयक सहकारिता अरविंद सिंह सेंगर ने बताया कि स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि अब कोई भी समिति 1200 रुपये से ज्यादा में डीएपी की बोरी नहीं बेच सकती है। यदि इससे अधिक कीमत लिए जाने की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में वे जिले में उप संचालक को शिकायत करें। कॉल सेंटर नंबर 0755-2558323 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। किसानों के साथ गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दे दिए हैं कि खाद-बीज की कालाबाजारी, जमाखोरी और तय दर से अधिक पर बिक्री के मामलों में सख्त आपराधिक कार्रवाई की जाए।