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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने बाल सेवा योजना का किया शुभारंभ ,173 बच्चों के खाते में 8.63 लाख जमा....

भोपाल(ईन्यूज एमपी) मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना रविवार से लागू हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से अनाथ हुए 173 बच्चों के खाते में 8 लाख 63 हजार रुपए ट्रांसफर किए। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने हितग्राही बच्चों से संवाद किया। इस दौरान भोपाल के दपर्ण सोनी और अपर्णा सोनी ने काेरोना से अपने पेरेंट को खो दिया है। दपर्ण इंजीनियरिंंग कर रहा है, जबकि अपर्णा 12वीं कक्षा में है। अपर्णा ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे एमबीबीएस सरकार कराएगी। कोचिंग की जरूरत होगी तो उसका खर्च भी सरकार उठाएगी। इसी तरह भाेपाल के जयंत पठारिया ने कोरोना से अपने माता-पिता को खोया है। जंयत इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन उसकी चिंता बहन की शादी को लेकर है। इस बारे में जयंत ने मुख्यमंत्री से बात की तो उन्होंने कहा कि बहन की शादी सरकार कराएगी। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर, सतना, रतलाम और निवाड़ी के हितग्राही बच्चों से भी बात की। बता दें कि इस योजना में 24 साल की आयु तक, कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता नहीं रहे हैं, उन्हें 5 हजार रुपए हर महीने पेंशन के अलावा प्रति माह राशन और निशुल्क शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इनमें बड़े बच्चे भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिन बच्चों के रिश्तेदार उनकी देख-रेख नहीं कर पाएंगे, उनकी शासकीय बाल गृहों में व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल, कॉलेज फीस हॉस्टल, 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाई के लिए 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। निजी इंजीनियिरंग कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रति वर्ष डेढ़ लाख रुपए सरकार देगी। लैपटॉप टेबलेट का इंतजाम भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अलावा अन्य योजनाओं के तहत मकान, पट्‌टा व अन्य सुविधाएं भी सरकार अनाथ बच्चों को उपलब्ध कराएगी।

बतादें कोविड के अलावा भी अनाथ बच्चों का पालन-पोषण भी सरकार करेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के अलावा भी अनाथ बच्चों का पालन-पोषण भी सरकार करेगी। उनकी पढ़ाई व रहने का इंतजाम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि ऐसे बच्चों की सूची तैयार करें। उन्होंने कहा कि कलेक्टरों की जिम्मेदारी है कि उनके जिले में कोई भी अनाथ बच्चा दर-दर की ठोकर ना खाए। ऐसे बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम भी सरकार करेगी।

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