भोपाल(ईन्यूज एमपी)भ्रष्टाचार की समस्या देश के सिस्टम में निचले तबके से लेकर उच्च अधिकारियों तक फैली है। इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिली है, जब भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई ने FCI के तीन मैनेजर्स और एक क्लर्क को गिरफ्तार किया है। दरअसल ये सभी लोग एक कंपनी से उसका बिल क्लीयर करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए क्लर्क के घर से सीबीआई को छापेमारी में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद किए हैं. खबर के अनुसार, सीबीआई ने एफसीआई के तीन मैनेजर और एक क्लर्क को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये लोग गुरुग्राम की एक कंपनी का बिल क्लीयर करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे. रिश्वत नहीं देने पर आरोपियों ने पिछले महीने कंपनी के 11 लाख के बिल को घटाकर 6 लाख का कर दिया। भ्रष्टाचार के इस मामले की जानकारी जैसे ही भ्रष्टाचार के इस मामले की जानकारी सीबीआई को लगी तो उन्होंने जाल बिछाकर आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान एफसीआई के अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव, सिक्योरिटी विंग के मैनेजर मोहन परासे, डिविजनल मैनेजर हर्ष उन्नयना और क्लर्क किशोर मीणा के रूप में हुई है। सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तार एफसीआई क्लर्क के भोपाल के छोला इलाके में स्थित घर पर छापेमारी भी की है. सीबीआई ने क्लर्क के घर से अब तक 2 करोड़ रुपए बरामद किए हैं. सूत्रों के अनुसार, क्लर्क के घर से 6 किलो चांदी, जमीन के दस्तावेज, बैंक खाते में एक करोड़ रुपए जमा होने और एक नोट गिनने की मशीन भी बरामद हुई है. जांच में पता चला है कि एफसीआई के तीनों मैनेजर रिश्वत की राशि क्लर्क किशोर के पास ही रखते थे. सीबीआई को लेनदेन से संबंधित कई रिकॉर्ड किशोर मीणा के घर से मिले।