भोपाल(ईन्यूज एमपी)मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब कम होने लगी है. खास बात यह है कि प्रदेश सरकार लगातार कोविड के संक्रमण को कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिये अब एक 5 सूत्रीय रणनीति बनाई है. इस रणनीति के पांच पहलू होंगे. जिनमें आइडेंटिफाई, टेस्ट, आइसोलेट, ट्रीट एवं वैक्सीनेशन के साथ आईटीआईटीवी काम करेंगे। ताकि प्रदेश में संक्रमण को जल्द से जल्द खत्म किया जाए. यह रणनीति पूरे प्रदेश लागू की जाएगी. दरअसल, आइडेंटिफाई से तात्पर्य है कि कोविड के संभावित प्रकरणों का डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से सक्रिय चिन्हांकन करना, ताकि बीमारी के प्रारंभिक चरण में ही मरीज की पहचान कर उसे आइसोलेट कर इलाज प्रारंभ किया जा सके. ताकि संक्रमण की शुरूआत से ही मरीज को जल्द से जल्द अच्छा इलाज मिल सके, ताकि कोविड के मरीज जल्द से जल्द रिकवर हो और प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन पूरी तरह से तोड़ी जा सके. बता दें कि प्रदेश में कोरोना को रोकने के लिए किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है. जिसके माध्यम से ही यह तकनीक निकली है. अप्रैल और मई में शनिवार तक किल-कोरोना अभियान अंतर्गत लगभग 3 लाख कोविड संदिग्ध व्यक्तियों का चिन्हांकन कर, उन्हें मेडिसिन किट वितरित की गई है तथा उनका प्रभावी आइसोलेशन सुनिश्चित किया गया है. इस अभियान के दौरान चिन्हित प्रकरणों के लगभग 4 लाख 3 हजार नि:शुल्क टेस्ट कराये गये हैं. इसमें 77 हजार 800 संदिग्ध मरीजों को फीवर क्लीनिक तथा 7,838 मरीज को कोविड केयर सेंटर में रेफर किया गया है. जिससे कोरोना मरीजों को समय से इलाज मिल सका. मध्य प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग क्षमता 77 हजार से अधिक हो गई है. इसके लिये प्रदेश में 2518 फीवर क्लीनिक क्रियाशील किये गये हैं, जहां पर 6353 टच-पाइंट के माध्यम से नागरिकों को नि:शुल्क टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है. प्रदेश में स्थापित आरटीपीसीआर टेस्टिंग क्षमता का भी निरंतर संवर्धन किया गया है. पिछले साल अप्रैल 2020 में प्रदेश की लैब में टेस्टिंग क्षमता 1100 जांच प्रतिदिन की थी, जिसमें वृद्धि करते हुए माह सितम्बर-2020 में लैब टेस्टिंग क्षमता 30 हजार कर ली गयी थी. वर्तमान में प्रदेश की लैब एवं निजी लैब में लैब टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 77 हजार से अधिक कर ली गई है. इसके अलावा भी सीएम शिवराज ने प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों तथा संदिग्ध व्यक्तियों का प्रभावी आइसोलेशन ही संक्रमण की चेन को तोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है. वर्तमान समय में प्रदेश के कुल सक्रिय प्रकरणों में से 75 प्रतिशत प्रकरण होम आइसोलेशन में रहकर ही ठीक हो रहे हैं. होम आइसोलेशन मरीजों को शहरी क्षेत्र में 2 लाख 92 हजार 751 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 83 हजार 478 मेडिकल किट बांटे गये हैं. मरीजों को दिन में दो बार कॉल किये जा रहे हैं. संस्थागत आइसोलेशन के लिये 353 शासकीय कोविड केयर सेंटर में 18 हजार 310 आइसोलेशन एवं 3,638 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं.