भोपाल(ईन्यूज एमपी)भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई को पुण्यतिथि पर बीजेपी नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें नमन करते हुए सोशल मीडिया स्वर्गीय राजीव गांधी को आधुनिक भारत का निर्माता, भारत रत्न बताया। जैसे ही ट्रोल हुए तो कुछ ही देर में सिंधिया बैकफुट पर आ गए। उन्होंने इस लाइन को हटा दिया। इससे सिंधिया को घेरने का कांग्रेस को एक बार फिर मौका मिल गया। कांग्रेस ट्वीट की लाइन बदलने के पीछे भाजपा का दबाव बता रही है। उसका कहना है कि ये मोदी-शाह की पार्टी है, कांग्रेस नहीं जहां विचारों की स्वतंत्रता है। इसको लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वय ने सोशल मीडिया पर सिंधिया को टैग करते हुए लिखा- क्या बीजेपी में एक जनसेवक को सच लिखने में भी इतना डर है? ये (बीजेपी) मोदी-शाह की पार्टी है, कांग्रेस नहीं। जहां विचारों की स्वतंत्रता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेता डा. धर्मेद्र बाजपेई को टैग करते हुए लिखा- सिंधिया के बैकफुट पर आने पर मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। डाॅ. बाजपेई ने लिखा था कि जैसे ही सिंधिया जी ने भारत रत्न राजीव गांधी को आधुनिक भारत के निर्माता कहा, शायद सुल्तान-ए-हिंद नाराज हो गए। फिर यह लाइन हटाकर सुल्तान को खुश करने का प्रयास किया। इस नाजुक समय में सुल्तान की खुशी का ध्यान रखना क्यों जरूरी है, सभी बेहतर जानते हैं। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने लिखा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी स्व राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आपके द्वारा उनका स्मरण स्वागतारोग्य पर पहला ट्वीट डिलीट कर दूसरा करना आश्चर्यजनक है। शायद स्वयंभू विश्वगुरु आपके द्वारा राजीव जी को आधुनिक भारत का निर्माता लिखने से तिलमिला गए होंगे। सिंधिया की स्व राजीव गांधी को आधुनिक भारत का निर्माता बताने और फिर इस लाइन को सोशल मीडिया अकाउंट से हटाने को लेकर जानकारों का मानना है कि सिंधिया ने स्व राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर राजनीतिक शिष्टाचार के तहत श्रद्धांजलि अर्पित की है। वैसे भी गांधी परिवार से उनका गहरा रिश्ता रहा है। लेकिन बीजेपी कैडर बेस पार्टी है और यहां सामूहिक निर्णय होते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत के निर्माण का शिल्पकार प्रचारित कर रही है। ऐेसे में सिंधिया का सोशल मीडिया पर इसका श्रेय राजीव गांधी को देना पार्टी लाइन के खिलाफ माना जाएगा। वैसे भी सिंधिया एक साल से ज्यादा समय से केंद्र में मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं।