भोपाल(ईन्यूज एमपी)मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार यदि पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे आता है तो यह कोरोना संक्रमण के नियंत्रित होने का संकेत है। ऐसे जिले जहां कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे आ गई है, वहां 17 मई के बाद धीरे-धीरे वैज्ञानिक ढंग से कोरोना कर्फ्यू को हटाया जा सकेगा। जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा रहेगा वहां कोरोना कर्फ्यू नहीं खुलेगा। बता दें कि जिलों के आंकड़े देखें तो केवल चार जिले खंडवा, भिंड, बुरहानपुर और छिंदवाड़ा में पॉजिटिविटी रेट 5% से नीचे है। मध्य प्रदेश में कोराना का पॉजिटिविटी रेट 27% तक है। जहां यह 5% से नीचे आने में फिलहाल वक्त लगेगा। मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रदेश की जनता के नाम संदेश के दौरान अपील की है कि वे कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करें। कोरोना संक्रमण को रोकने में व्यापक जन-सहयोग मिल रहा है। कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन होने से कोरोना महामारी धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। कोरोना के नए संक्रमित प्रकरणों की संख्या प्रदेश में अब चार अंकों में आ गई है। कोरोना संक्रमण के मामले में देश के बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश 15वें स्थान पर आ गया है। प्रदेश में 32 दिन में पॉजिटिविटी रेट 25% घटकर 14% हो गया है। सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट 19 अप्रैल को 25% दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें निश्चिंत नहीं होना है। अभी अधिक सावधानी की जरूरत है। कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए लंबा सफर तय करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस अपने आप कम फैलता है। यह वायरस हमारे व्यवहार से ज्यादा फैलता है। यदि हम शादी ब्याह, भीड़ और बड़े समारोह में गए तो कोरोना संक्रमण तेज गति से फैलता है। जन-सहयोग से लागू कोरोना कर्फ्यू जब तक है तब तक कोई भी घरों से बाहर नहीं निकले। मई माह में शादी-ब्याह नहीं करें। जून माह में कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने पर शादी-ब्याह आदि आयोजन छोटे स्तर पर किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण कुछ गांवों में भी फैला है। इसे नियंत्रित करने के लिए किल कोरोना अभियान चल रहा है। सरकारी अमला मेहनत के साथ घर-घर दस्तक दे रहा है। सरकारी अमले के साथ राजनैतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, गांवों के वरिष्ठ जन शामिल हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि सर्दी, जुकाम, बुखार आदि कोरोना के लक्षण हैं, तो छुपाए नहीं, बताएं। उपचार संभव है। सरकार ने नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की है।