भोपाल (ईन्यूज एमपी) मध्यप्रदेश के लिए यह राहत की खबर है। झारखंड के बाेकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस भोपाल के लिए सोमवार को सुबह रवाना हो चुकी है। मंगलवार देर शाम तक जबलपुर आएगी।यहांऑक्सीजन के 2 टैंकर उतारे जाएंगे। इसके बाद यह मालगाड़ी भोपाल के लिए रवाना होकर सुबह 4 बजे मंडीदीप आएगी। यहां ऑक्सीजन के 4 टैंकर उतारे जाएंगे। इसके अलावा जामनगर से ग्वालियर के लिए 2 टैंकर रवाना हुए हैं। प्रदेश में वर्तमान में हर रोज 600 टन से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए बीना ओमान रिफाइनरी में 2 ऑक्सीजन प्लांट में ट्रॉयल शुरू हो चुका है। इस बीच धार में बंद पड़ा ऑक्सीजन प्लांट महज 4 दिन में शुरू हो गया है। यहां से 40 टन ऑक्सीजन मिलेगी। इस प्लांट से हर रोज ऑक्सीजन के करीब 3 हजार सिलेंडर प्रतिदिन देना शुरू किया गया है। इस प्लांट में 24 घंटे जिला प्रशासन के अफसर तैनात रहेंगे। बता दें कि इस प्लांट से मध्य प्रदेश के अलावा 8 राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। भोपाल में एक्टिव केस इंदौर से ज्यादा हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में 13,587 एक्टिव केस हैं, जबकि इंदौर में यह संख्या 13,354 है। ऐसे में भोपाल में ऑक्सीजन की अपूर्ति तेजी से की जा रही है। भोपाल में हर रोज110 टन ऑक्सीजन की जररूत है। कोरोना कर्फ्यू लागू होने के बाद से अब तक 24 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।भोपाल में 5 हजार मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, लेकिन इन्हें लगने वाली ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ गई है। सोमवार को भिलाई से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आने के बाद अस्पतालों को पहुंचाई गई। 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चिरायु को और एम्स को 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा बीएमएचआरसी, जेके व पीपुल्स अस्पताल को भी ऑक्सीजन सप्लाई की गई है। भोपाल जिला प्रशासन के मुताबिक ऑक्सीजन के लिए अब ऐसा शेड्यूल तय किया है कि हर चार घंटे में 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का एक टैंकर हमें प्राप्त होता रहे। अगर कहीं रुकावट नहीं होती है और समय पर ऑक्सीजन मिलती है तो कमी नहीं पड़ेगी।संयुक्त कलेक्टर राजेश गुप्ता ने बताया कि सभी ऑक्सीजन के टैंकर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाए जा रहे हैं। शहर में भी ऑक्सीजन के सिलिंडर बिना किसी रोक के पहुंच रहे हैं। इसके चलते परिवहन तेजी से हो रहा है। हालांकि ऑक्सीजन का संकट तो रहेगा क्याेंकि शहर में अब ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है जबकि इसकी आपूर्ति कम है।शहर में सिर्फ एक प्लांट को छोड़कर ऑक्सीजन के स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए ऑक्सीजन के जो टैंकर आते हैं उसी से जगह-जगह सप्लाई कर दिए जाते हैं। ऑक्सीजन भी यहां नहीं बनती है, इसलिए अन्य राज्यों से ही ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है।