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Home सीधी दर्पण नियम विरुद्ध 116 तबादले; 2 CCF व 3 DFO को नोटिस, 15 दिन में मांगा जबाव....

नियम विरुद्ध 116 तबादले; 2 CCF व 3 DFO को नोटिस, 15 दिन में मांगा जबाव....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)वन विभाग में 5 सीनियर आईएफएस अफसरों ने पिछले एक साल में नियम विरुद्ध 116 कर्मचारियों के तबादले कर दिए। इन अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने वर्ग 2 के कर्मचारियों का तबादला आदेश जारी करने से पहले प्रभारी मंत्री का अनुमाेदन नहीं लिया और ना ही तबादला नीति के शर्तों का ध्यान रखा। अब वन बल प्रमुख (DG फारेस्ट) डा. राजेश श्रीवास्तव ने इन 5 अफसरों को नोटिस देकर 15 दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने यह एक्शन अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले लिया है।

वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि वन बल प्रमुख का रिटायरमेंट 30 अप्रैल को होना है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पांच आईएफएस अफसरों द्वारा किए गए तबादलों की फाइल खोल दी है। इसमें 2 मुख्य वन संरक्षक (CCF) हैं, जो वन मंत्री विजय शाह के करीबी बताए जाते हैं। इनके अलावा 2 डीएफओ स्तर के अधिकारी हैं।वन बल प्रमुख ने बैतूल सर्किल के प्रभारी सीसीएफ एवं एपीसीसीएफ मोहन मीणा, मुख्य वन संरक्षक (सामाजिक वानिकी), पश्चिम बैतूल डीएफओ मयंक चंडीवाल, उत्तर बैतूल डीएफओ पुनीत गोयल और दक्षिण बैतूल डीएफओ प्रभुदास गेब्रियाल को नियम विरुद्ध तबादला करने के लिए दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

सूत्रों का कहना है कि प्रभारी सीसीएफ मोहन मीणा द्वारा किए गए तबादले को लेकर विधानसभा प्रश्नोत्तरी में विभाग द्वारा 72 कर्मचारियों की कार्य आवंटन और पदस्थिति बदले जाने की पुष्टि की गई थी। हालांकि संबंधित विधायक इस मामले को विधानसभा में उठा नहीं पाया, क्योंकि उनका सवाल पहले 25 प्रश्नों में शामिल नहीं था। इस कारण से यह मामला दब गया था।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (समन्वय) एलएस रावत जब छतरपुर में मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ थे तब उन्होंने भी स्थानांतरण नीति के विरुद्ध तबादले किए थे। इसको लेकर रावत के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है और वह प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर प्रमोट होने से वंचित हो गए हैं। राज्य शासन ने रावत का मामला केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

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