सीधी ( ईन्यूज एमपी) जिले की पुलसिंग से खपा सीधी के बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ल मुखर होकर पुलिस प्रशासन की हर गतिविधियों पर पैनी नजर वनाये हुये हैं जनहित की समस्याओं से खपा होकर वह अपनी बात शोषल मीडिया के मार्फत व्यक्त भी कर चुके हैं । अपने आपको निर्दाग साबित करने वाली सीधी जिले की खाखी यानी जो तल्बे से शिखा तक भ्रष्टाचार में लीन हो ...? अपना टेट छोड़के दूसरे का टेट टटोले ....? चार दीवारी के भीतर फटकार लगावे और कहे कि बाहर सोर न होबे ...? और उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.. .? इन तमाम तथ्यों से परिपूर्ण सीधी पुलिस के भ्रष्टाचार की कथा का संग्रह जोरों से जारी है । बतादें कि सीधी विधायक केदारनाथ उन विधायकों में से एक हैं जो अपना सर्वस्व नुकसान कर सकते हैं लेकिन अन्याय , लफ्फाजी , बदमाशी से समझौता करना उनकी फितरत में नही है , दीनहीन के लिये दीनदयाल का जीवन जीने वाले बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ल सम्मान से समझौता नही करते और गरीबों को न्याय दिलाने में कभी पीछे नही मुड़े । यही कारण है कि महुगढ गांव के किसानों के जलकर खाख हुई फंसल को लेकर किसान की पीडा़ से वह दुखी हैं , वह खुद स्थल का जायजा लेने पंहुच गये लेकिन खाखी नही पंहुची ...? तभी तो वह मन की बात में कहा कि... *सीधी पुलिस इस समय संवेदनहीन हो गई है। 31 मार्च को ग्राम महुगढ़ के किसानों के खेत मे भीषण आग लग गई। लगभग 1 किमी की लंबाई चौड़ाई में किसानों की पूरी फसल जलकर खाक हो गई। पुलिस में रिपोर्ट होने के बाबजूद आज तक पुलिस का जिम्मेवार अमला तो दूर अदना सा कर्मचारी भी मौके पर नहीं गया। यह घोर लापरवाही है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाय कम है।* ऐनकेन प्रकारेण सीधी जिले की पुलसिंग को लेकर तरह तरह के यंहा सबाल जहान में मड़रा रहे हैं , छपास में लीन सभी थानों और चौकियों की खाखी की सच्चाई तो तब सामने आयेगी जब प्रमाण के साथ जनता के समक्ष अंदरूनी बांतें सार्वजनिक होंगीं । वहरहाल सीधी विधायक की नाराजगी की गुप्तचर रिपोर्ट आज राजधानी भोपाल में चाय की चुस्की के साथ तलव हो चुकी है ...आगे क्या होगा यह तो वक्त वतायेगा ।