देवास(ईन्यूज एमपी) नौकरी का झांसा देकर 18 लाख रुपए ठगी करने वाला फर्जी मंत्री रोहित बैरागी का एक और साथी अब पुलिस शिकंजे में आ चुका है। देवास से पकड़ाए आरोपी हर्षल भटनागर ने खुलासा किया है कि इनका पूरा काम भोपाल के एक होटल से चलता था। फर्जी आदेश तैयार करने के लिए असली आदेश की कॉपी किया करते थे। इस होटल में इन्होंने पूरी तरह से एक मंत्रालय बना रखा था, जिसमें यह फर्जी गिरोह चलाते थे। इंदौर पुलिस सोमवार को इस होटल की जांच करेगी।SP महेश जैन ने बताया कि बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी की कई शिकायतें रोहित बैरागी के खिलाफ भंवरकुआं पुलिस को मिली हैं। इसकी जांच पुलिस कर रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि उसकी संपत्ति कहां-कहां है। उन सबकी जांच कर उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। भंवरकुआं पुलिस ने देवास के सिविल लाइन क्षेत्र में दबिश दी थी। यहां से रोहित का साथी हर्षल भटनागर हत्थे चढ़ गया। दरअसल असली लोग तो पर्दे के पीछे हैं। इनके पकड़े जाने पर कुछ और बड़ा खुलासा हो सकता है। हर्षल ने पुलिस को बताया कि रोहित बैरागी के साथ मिलकर कई लोगों को ठगा है। हर्षल उसके लिए ग्राहक खोजकर लाता था। तीन दिन पहले ही पुलिस ने रोहित को भी पकड़ा था। थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस रोहित को लेकर सोमवार को भोपाल लेकर जाएगी, जहां उसने एमपी नगर में एक होटल में अपना कार्यालय बना रखा था। दूसरी ओर कुछ शिकायतकर्ता थाने पहुंचे थे, जिनसे पुलिस ने आवेदन लिए हैं।भंवरकुआं TI संतोष दूधी के अनुसार पुलिस ने अभी 40 छात्रों के साथ 18 लाख से ज्यादा की ठगी करने वाले राजोदा गांव निवासी रोहित बैरागी पिता मोहनदास बैरागी (35) को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था । उसने कई युवाओं को नियुक्ति पत्र भी दे दिए थे। आरोपी बीएचएमएस होम्योपैथी डॉक्टर है। 2016 से पिता ने उसे घर से निकाल दिया था। जीवन यापन के लिए वह भजन संध्या व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता है। पुलिस के अनुसार देवास में उसका साथी हर्षल भटनागर (40) एक कंसल्टेंसी एजेंसी एवं सामाजिक कल्याण सेवा संस्था चलाता था। इसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए आकर्षित करता था। हर्षल भटनागर बीकॉम स्नातक है। उसने पूर्व में सेंचुरियन बैंक में मैनेजर और बिरला इंश्योरेंस में सेल्स मैनेजर रहा है। हर्षल तकनीकी रूप से काफी दक्ष है। देवास स्थित अपने कार्यालय में फर्जी आदेश स्वयं टाइप करता था। वह शासकीय आदेशों के पैटर्न की नकल करके ठीक वैसे ही फर्जी आदेश बनाता था। इसके बाद भोपाल के एमपी नगर के होटल से आदेश को आगे बढ़ाया जाता था। आरोपी हर्षल भटनागर के कार्यालय से लैपटॉप तथा प्रिंटर जब्त किया गया है।