सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिले के लोकनिर्माण विभाग में प्रतिमाह बेतन के नाम पर एक करोड़ की फोकट में रेवड़ी बांटी जा रही है , यहा वेतन के नाम पर प्रति माह शासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है और लोकनिर्माण विभाग में कार्यरत स्थाई कर्मियों के वेतन भुगतान के नाम पर एक करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जाना कितना सार्थक यह जांच का बिषय है । जबकि असल में देखा जाए तो ज्यादातर कर्मचारी महज रजिस्टर में ही अंकित है। बता दें कि लोकनिर्माण विभाग सीधी में लम्बे समय से स्थाई कर्मियों के नाम पर गोलमाल किया जा रहा है, रजिस्टर में तो कर्मचारी दर्ज है पर असल में वे कार्य नहीं कर रहे हैं,बल्कि लम्बे समय से जमे दिग्गजों की छत्रछाया में महज वेतन ही ले रहे हैं। लोक निर्माण विभाग सीधी में शासन के नियमानुसार कुशल,अर्ध कुशल व अकुशल श्रमिकों को हर माह करीब 1 करोड़ 26 लाख 78 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है लेकिन वास्तविकता पर गौर करें तो चंद गरीब व जरूरतमंद ही कार्य कर रहे हैं जबकि रजिस्टर में ज्यादातर ऐसे नाम हैं जो केवल हस्ताक्षर करने ही आते हैं,काम से उन्हें कोई लेना देना नहीं है, जरूरतमंदों की जगह पर कब्जा कर के बैठें हैं और उन्हें अधिकारियों की कृपा का लाभ मिल रहा है। प्रश्न यंहा इस बात है कि 171 कुशल , 669 अकुशल और 27 अर्धकुशल स्थाई कर्मियों की सेवाएं चरहट , मझौली , कुशमी , सीधी और सिहावल सब डिवीजन में तैनाती है । लेकिन पचास फीसदी कर्मचारियों की सेबायें ऊपर ही ऊपर चल रही है जबकि पचास फीसदी में से पचीस फीसदीं कर्मी अधिकारियों के बंगलों में चूल्हा चौका का काम कर रहे हैं शेष पचीस फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं जो पर्मानेंट गेंग के साथ पसीना बहा रहे हैं । रेवड़ी की तरह बांटी जा रही सरकार की करोडों की राशि अधिकारियों की मेहरबानी के चलते पानी की तरह बहाई जा रही है । देखना होगा कि आला अधिकारी इस मामले में आखिर क्या कदम उठाते हैं ।