सीधी (ईन्यूज यमपी):-जिले की सीमा मे प्रवाहित हो रही मबई नदी इन रेत कारोबारियों के चंगुल फंसकर अपना अस्तित्व खोती जा रही है। विदित हो की जिले की दक्षिणी छोर मे प्रदेश की सीमा तय करती मबई नदी मे विगत ररथंचार माह से रेत का अबैध उत्खनन बेखौफ़ चल रहा है। जनवरी माह मे ग्रामीणों की शिकायत पर कुशमी यसडीयम अनुराग तिवारी के द्वारा कार्यवाही करते हुए तकरीबन आधा सैकडा वाहन व एक पोकलैंड मशीन जप्त की गई थी। वावजूद इसके रेत कारोबारियों पर कोई असर नहीं हुआ और दूसरी बार नदी मे पुल बांध कर नदी की धार रोक दी जिसकी शिकायत प्रशासन स्तर पर की गई तो पुनः कुशमी यसडीयम द्वारा मौके मे जाकर सडक को ध्वस्त करवा दिया गया। लेकिन रेत कारोबारियों का हौंसला इतने मे भी पस्त नहीं हुआ और अब अबैध उत्खनन का नया फार्मूला तैयार कर लिया गया है। ग्रामीणों की शिकायत पर मबई नदी के हरचोका घाट मे टीम पहुंची तो वहां नदी मे दो टू टेन(पोकलैंड मशीन) उत्खनन का कार्य कर रही थीं जिसमें एक मशीन मध्यप्रदेश के भू भाग से रेत उत्खनन कर छत्तीसगढ़ के भूखण्ड मे डम्प करती है और दूसरी मशीन उसी रेत को वाहनों मे लोड करती है। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया की ये खेल सुहानी शाम से सुबह 10 बजे तक चलता है। इस बीच दिन भर के लिए रेत डम्प कर लिया जाता है। बताया गया की रेत का काला कारोबार रात मे ही चलता है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया की पूर्व मे राजस्व अमले के द्वारा नदी की सीमाओं का नाप जोख कर निशानी भी बनाई गई थी लेकिन उसे भी नष्ट कर दिया गया। कार्यवाही पर सवाल:-कहने को तो प्रशासनिक अमले द्वारा कार्रवाई तो की जाती है लेकिन बार बार अबैध उत्खनन की पुनरावृत्ति करना भी प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल पैदा करते हैं कि या तो रेत कारोबारियों पर कार्यवाही का खौफ नहीं या फिर नाम मात्र की प्रशासनिक कार्रवाई की जाती है जिसका कारोबारियों पर कोई असर नहीं होता है। मामला चाहे जैसा हो लेकिन ग्रामीण इस नदी के दोहन व अस्तित्व से काफी चिंतित देखे जा रहे हैं। अब प्रशासन से ही उम्मीद लगाए हैं।