लखनऊ(ईन्यूज एमपी)-प्रांतीय पुलिस सेवा से प्रोन्नति पाए 2005 और 2006 बैच के 47 आईपीएस अफसरों को एक साल की सीनियरिटी का लाभ मिलेगा। यानी प्रांतीय पुलिस सेवा से प्रोन्नति पाए 2005 के 13 आईपीएस को 2004 बैच और 2006 बैच के 34 आईपीएस को 2005 बैच का माना जाएगा। दरअसल वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मायावती सरकार ने पारिणामिक ज्येष्ठता को लेकर नया नियम बनाया। प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों ने इसका विरोध किया और उच्चतम न्यायालय की शरण ली। उच्चतम न्यायालय ने 2012 में मायावती सरकार के निर्णय को निरस्त करते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी। इस दौरान 2009, 2010 और 2011 में विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक नहीं हुई । 2012 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए पुरानी व्यवस्था से 2009 से 2012 तक की डीपीसी एक साथ कर दी। इसी दौरान केंद्र सरकार ने प्रांतीय सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा में प्रोन्नति पाने के लिए ज्येष्ठता नियमों में संशोधन कर दिया। प्रदेश में 2012 में जो चार वर्षों की डीपीसी हुई, उसमें भी केंद्र के बदले गए नियम को लागू कर दिया गया। प्रदेश में तीन वर्ष डीपीसी न होने का नुकसान 2005 और 2006 बैच के अफसरों को उठाना पड़ा। इन अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनकी ज्येष्ठता 2012 से पहले के नियमों के अनुसार करने की मांग की। न्यायालय ने इन अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। केंद्रीय कार्मिक विभाग ने इस संबंध में ऑफिस ऑफ मेमोरेंडम भी जारी कर दिया। इसके बाद प्रांतीय प्रशासनिक सेवा से प्रोन्नति पाए आईएएस अधिकारियों और प्रांतीय वन सेवा से प्रोन्नति पाने वाले अधिकारियों की ज्येष्ठता का आवंटन पुन: निर्धारित करते हुए उन्हें एक-एक वर्ष की ज्येष्ठता का लाभ दे दिया गया, लेकिन आईपीएस अधिकारियों का मामला अभी गृह मंत्रालय में अटका हुआ है। माना जा रहा है कि इस माह के अंत में या अगले महीने के पहले हफ्ते इस पर फैसला हो जाएगा। गृह मंत्रालय की हरी झंडी मिलते ही 2005 बैच के 13 अफसरों को डीआईजी पद का और 2006 बैच के 34 अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड का लाभ मिल जाएगा। अगले महीने ये 13 अफसर बन सकते हैं डीआईजी 2004 बैच के आईपीएस अधिकारियों का इसी वर्ष की शुरुआत में डीआईजी के पद पर प्रमोशन हुआ है। इसलिए ये अधिकारी भी डीआईजी पद के हकदार हो जाएंगे। प्रांतीय पुलिस सेवा के इन अफसरों में राम बोध, कवींद्र प्रताप सिंह, सुनील कुमार सक्सेना, सुभाष सिंह बघेल, राकेश शंकर, उमेश श्रीवास्तव, सत्येंद्र कुमार सिंह, रतनकांत पांडेय, विक्रमादित्य सचान, जितेंद्र कुमार शुक्ला, मृगेंद्र सिंह, पीयूष श्रीवास्तव और दिनेशचंद्र दूबे अगले महीने डीआईजी बन जाएंगे। इसी तरह 2006 बैच के अफसरों को 2005 बैच मिलने की वजह से 34 अफसर सेलेक्शन ग्रेड के हकदार होंगे। डीआईजी की कमी हो जाएगी दूर प्रदेश में अभी केवल 19 डीआईजी हैं, जबकि डीआईजी रैंक के पदों की संख्या लगभग 40 है। डीआईजी की कमी की वजह से कई रेंज में आईजी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस की कई शाखाएं ऐसी हैं जहां डीआईजी का एक भी पद नहीं है जबकि अलग-अलग शाखा में डीआईजी का कम से कम एक पद है।