धमतरी(ईन्यूज़ एमपी)- नोटबंदी के दौरान वर्ष 2016 में कियोस्क सेंटर में जमा की गई राशि को वहां के कर्मियों ने अपने खाते में जमा कर लिया। बाद में रकम का आहरण भी कर लिया। वास्तविक खाताधारी अब अपनी रकम पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। इस मामले की शिकायत कंडेल के ग्रामीणों ने 31 जनवरी को कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर सीआर प्रसन्ना से इस मामले में शिकायत की। ग्रामीणों ने कलेक्टर सीआर प्रसन्ना से शिकायत करते हुए बताया कि ग्राम कंडेल में स्टेट बैंक छाती के अंतर्गत कियोस्क सेंटर संचालित है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के समय कियोस्क सेंटर के अपने बैंक खाते में राशि जमा की। ग्रामीणों ने 10 हजार से लेकर 25 हजार तक की रकम जमा की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यहां के कर्मी राशि जमा करने के बाद पासबुक में हाथ से एंट्री कर देते थे। कंप्यूटर में एंट्री नहीं करते थे। बैंक में रकम जमा करने की बजाए कर्मियों ने अपने खाता में रकम जमा कर ली। इसके बाद जब ग्रामीण पासबुक में एंट्री के आधार पर राशि आहरण करने जाते थे तो घूमाते थे। कभी कहा जाता था कि अभी लिंक फेल है तो कभी इंटरनेट चालू नहीं है। हर बार भुगतान देने में टालमटोल किया जाता था। विड्राल फार्म जमा करने के बावजूद राशि देने की बजाए 10-15 दिन में आने की बात कहते थे। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि आहरण की अपेक्षित राशि की बजाए 2-3 हजार रूपया का ही भुगतान दिया जाता था। ग्रामीणों ने मांग की है कि संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई करते हुए जमा रकम वापस दिलाई जाए। शिकायत करने वालों में हीरालाल यादव, रितू, शिवबत्ती धोबी, अनमोतीन यादव, रमेशर ढीमर, खेदू ढीमर, डामिन, श्यामू ढीमर, रामनारायाण साहू, नेमीन साहू, टेमीन बाई साहू, कृष्ण कुमार मरकाम, रूपेश कुमार साहू, घनश्याम निर्मलकर, हेमू साहू टंकेश्वर साहू, त्रियांश प्रजापति बड़ी संख्या मे ग्रामीण उपस्थित थे। इस संबंध में कियोस्क सेंटर के संचालक अनुज राम साहू का कहना है कि खाताधारियों को बता दिया गया है, जिनका भुगतान बचा है उन्हें राशि दे देंगे। कुछ लोगों का भुगतान बचा हुआ है।