जम्मू : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने उन लोगों पर लगाम कसने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की जो असहिष्णुता की घटनाओं को बढ़ाने में शामिल हैं। उन्होंने कहा ऐसे कृत्य देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वे (कुछ तत्व) भारत को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भारत को एकजुट करने के बजाय, वे ऐसे कृत्य कर रहे हैं। यह भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर कहा कि मैं मोदी से गुजारिश करना चाहता हूं कि उन्हें उनके साथ बैठने वाले लोगों को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए या उन्हें उनको सरकार से बाहर कर देना चाहिए क्योंकि भारत यह सहन नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य हमारे देश को बदनाम कर सकते हैं। क्या वह समझते हैं कि शिवसेना भारत से बड़ी है? उन्हें शिवसेना से भारत को बदनाम करने वाले ऐसे कृत्य नहीं करने के लिए कहना चाहिए। मैं शिवसेना के नेतृत्व से भी गुजारिश करता हूं कि वह ऐसे कृत्य नहीं करें।