भोपाल (ईन्यूज एमपी)-राज्य सरकार का फोकस अगले तीन सालों में शहरी अर्बन ट्रैफिक को व्यवस्थित करने पर होगा। इसके लिए 11 शहरों में 21 फ्लाईओवर बनाए जाना है। चुनाव में चार महीने का समय बचा है। इस दौरान इन कामों के लिए राशि में कमी न आए, इसके लिए वित्त विभाग ने चुनिंदा विभागों के खर्च की लिमिट तय की है। लोक निर्माण विभाग के लिए जुलाई, अगस्त और सितंबर के खर्च के लिए सबसे ज्यादा 2700 करोड़ रुपए की सीमा तय की गई है। लोक निर्माण समेत नगरीय विकास एवं आवास, जल संसाधन, उद्योग, जनजातीय और पंचायत एवं ग्रामीण विकास के क्वार्टर (तीन महीने) बजट की लिमिट 8600 करोड़ रुपए तय की गई है। हालाकि इस राशि से प्रदेश के 11 शहरों में 21 फ्लाईओवर बनना है। इनमें भोपाल के संत हिरदाराम नगर में बनने वाला डबल डेकर सिक्स लेन ब्रिज भी शामिल है, जिसकी लागत 306 करोड़ रुपए आएगी। शहर में दो और ओवरब्रिज समेत अन्य कार्यों में भी इसका उपयोग हो सकेगा। इन फ्लाईओवर की समय सीमा तीन साल तय की गई है। इनके काम में सरकार की ओर से चुनाव के पहले तेजी लाए जाने की योजना है, जिससे चुनाव में लाभ मिल सके। भोपाल में दो नए फ्लाईओवर, एक रेलवे ब्रिज बनना है। इंदौर में 4 और सागर में 2 फ्लाईओवर बनाए जाना है। धार, छतरपुर, विदिशा, ग्वालियर, खंडवा और अन्य शहरों में भी फ्लाईओवर बनेंगे। 11 शहरों में बनना हैं 21 फ्लाई ओवर, सरकार चाहती है चुनाव के समय खर्च में कमी न आए पांच बड़े विभाग तीन महीने में 8600 करोड़ रुपए खर्च कर सकेंगे नगरीय विकास एवं आवास की लिमिट 1050 करोड़ प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में आने वाली सड़कों के निर्माण और ऑपरेशन कायाकल्प के तहत चल रही सड़कों की मरम्मत के लिए 750 करोड़ रुपए खर्च होना है। अगस्त-सितंबर तक सड़कों की मरम्मत का काम हर हाल में पूरा कराया जाना है। इसके चलते नगरीय विकास एवं आवास विभाग को तीन महीने जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए 1050 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह राशि तीन महीनों में समान रूप से खर्च करना होगी। जल संसाधन विभाग को 1550 करोड़ प्रदेश में अभी सिचाई क्षमता 36 लाख हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 53 लाख हेक्टेयर तक किया जाना है। इसके लिए जल संसाधन विभाग को 1550 करोड़ रुपए दिए गए हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना में अगले एक साल में नई निर्मित और निर्माणाधीन परियोजनाएं पूरी की जाना है। सिंचाई क्षमता और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के तहत चल रही परियोजनाओं के लिए 2400 करोड़ रुपए दिए गए हैं। साथ ही जनजातीय विभाग के तहत 19 जिलों के 89 ब्लाॅक में निर्माण कार्यों में गति लाने के लिए 575 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास पर 975 करोड़ रुपए और औद्योगिक विकास पर 339 करोड़ रुपए खर्च होंगे।