भोपाल (ईन्यूज एमपी) एमपी में टाइगर रिजर्व में निर्धारित संख्या से अधिक पर्यटन वाहन ले जाने और फर्जी पर्यटकों को प्रवेश देने जैसी शिकायतों के मद्देनजर निगरानी तंत्र मजबूत किया जा रहा है। इसके लिए वन्यप्राणी मुख्यालय नए साफ्टवेयर का सहारा लेगा। इसे प्रयोग के तौर पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इसी साल से लागू किया जा रहा है। अच्छे परिणाम आने पर अन्य पार्कों में भी लागू किया जाएगा। इससे जहां सफारी कराने वाले वाहनों की संख्या का हिसाब रखा जा सकेगा, वहीं वाहन रास्ता छोड़कर जंगल में तो नहीं उतारे गए हैं, यह भी देखा जा सकेगा। किसी के नाम पर किसी पर्यटक को पार्क की सैर कराने की सबसे अधिक शिकायतें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से आती रही हैं। इसे देखते हुए वाहनों की जीपीएस आधारित निगरानी की शुरुआत बांधवगढ़ से की जा रही है। एक जुलाई से तीन माह के लिए पार्कों के कोर क्षेत्र में पर्यटन बंद हो जाएगा, पर 'बफर में सफर' योजना के अंतर्गत बफर क्षेत्र में वर्षाकाल में भी पर्यटन जारी रहेगा। हालांकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इसे भी बंद करने के सख्त निर्देश दिए हैं, जिस पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है। बता दें कि होटल संचालक फर्जी नाम से टिकट आरक्षित कर देते हैं और उस टिकट पर दूसरे लोगों को सैर कराते हैं। इस कारण होटलों में नहीं रुकने वाले पर्यटकों को टिकट नहीं मिल पाता है। हर साल आते हैं 20 लाख पर्यटक - प्रदेश में छह टाइगर रिजर्व हैं, सातवां नौरादेही बनने वाला है। इन छह पार्कों में हर साल औसतन 20 लाख पर्यटक आते हैं। इनमें से 60 प्रतिशत पर्यटक दूसरे राज्यों के होते हैं, जो पार्कों की सीमा पर स्थित होटल और रिसार्ट में ठहरते हैं और वही उनके पार्क में सैर कराने की व्यवस्था करते हैं। इनका कहना है प्रयोग के तौर पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे बेहतर निगरानी हुई तो अन्य पार्कों में भी लागू करेंगे। - जेएस चौहान, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मप्र