रीवा (ईन्यूज एमपी)-रीवा लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचारी जनपद सीईओ सहित हेड क्लर्क को बेनकाब किया है। लोकायुक्त सूत्रों की मानें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत और उनके बड़े बाबू को 6500 रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप हुआ। दावा है कि दोनों अधिकारियों ने पंचायत समन्वय अधिकारी संदीप पाण्डेय जनपद पंचायत से 2 माह का वेतन निकालने के एवज में रिश्वत मांगी थी। जिसमें से 5000 सीईओ मैडम और 1500 रुपए बड़े बाबू द्वारा मांगे गए थे। फरियादी को दोनों अधिकारियों ने जनपद कार्यालय बुलाया। जैसे ही पीड़ित पैसे देकर बाहर आया। वैसे ही बाहर खड़ी टीम ने पकड़ लिया है। अग्रिम कार्रवाई के लिए दोनों को लोकायुक्त की टीम अपने कार्यालय लेकर पहुंची है। जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। ये है मामला लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि 21 दिसंबर की दोपहर विजयलक्ष्मी मरावी CEO जनपद रीवा और उनका बड़ा बाबू महेंद्र वर्मा सहायक ग्रेड 2 को 6500 रुपए की रकम के साथ ट्रेप किया है। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता संदीप पाण्डेय निवासी पारस नगर पद पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत रीवा ने कार्यालय आकर शिकायत की। पंचायत समन्वय ने कहा कि 2 माह का वेतन निकालने के एवज में रकम मांगी है। पर बिना पैसे लिए काम नहीं कर रहे। बल्कि कई महीनों से घूमा फिरा रहे है। जिससे धक हारकर फरियादी कुछ दिन पहले लोकायुक्त कार्यालय आया। दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर बुधवार को सीईओ कार्यालय में दबिश दी। जैसे ही हेड क्लर्क ने जेब में रकम रखी। वैसे ही ट्रेपकर्ता अधिकारी निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार ने दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया है। ट्रेप दल का नेतृत्व डीएसपी राजेश पाठक ने किया। टीम में उपनिरीक्षक रितुका शुक्ला, उपनिरीक्षक आकांक्षा पाण्डेय, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, प्रधान आरक्षक सुरेश कुमार, प्रधान आरक्षक पवन पाण्डेय, आरक्षक शैलेंद्र, शिवेंद्र, सुजीत, प्रेम सिंह, मनोज मिश्रा सहित 2 पंचसाक्षी सहित 16 सदस्यीय टीम ने कार्रवाई की है।