रीवा(ईन्यूज एमपी)- रीवा में एक महिला के एम्बुलेंस में प्रसव और नवजात बच्ची के मौत का मामला प्रकास में आया है जहां महिला के परिजन का कहना है कि डॉक्टर सहित मेडिकल स्टाफ छुट्टी के दिन अस्पताल बंद कर अपने घर चले जाते हैं। नतीजन शाम को प्रसव केंद्र पहुंची महिला को समय रहते उपचार नहीं मिला। मामला मनिकवार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। डॉक्टर और नर्स के नदारद रहने से आशा कार्यकर्ता को एम्बुलेंस में ही प्रसव कराना पड़ा। प्रसव होने के कुछ ही देर बाद नवजात की मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद महिला काफी देर तक बिलखती रही। CMHO डॉ. एनएन मिश्रा से जब बात की तो डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा- हम पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। संबंधित चिकित्सक के खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक ममता रावत (30 वर्ष) पति सुखलाल रावत निवासी ग्राम लढ़ को रविवार की शाम प्रसव पीड़ा हुई। गांव की आशा कार्यकर्ता ने तुरंत जननी एक्सप्रेस बुलाई। जिसके बाद मेडिकल स्टाफ ममता रावत को लेकर मनिकवार स्वास्थ्य केंद्र लेकर रवाना हुआ। अस्पताल पहुंचने तक महिला की प्रसव पीड़ा तेज हो गई। प्रसूता के परिजन ने बताया कि जब हम लोग अस्पताल पहुंचे। तो मनिकवार स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका मिला। इधर, ममता का दर्द बढ़ता जा रहा था। जब तक हम कुछ कर पाते, तब तक डिलीवरी हो गई। करीब 20 मिनट तक नवजात जिंदा रहा। परिजनों का कहना है कि खराब चिकित्सा व्यवस्था ने हमारे बच्चे की जान ली है। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए। CMHO डॉ. एनएन मिश्रा ने बताया कि मनिकवार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन मेडिकल स्टाफ की तैनाती है। जिसमें एक चिकित्सक, एक स्टाफ नर्स, एक ANM शामिल हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ. आशुतोष पटेल को कोई नहीं पहचानता है। क्योंकि वे आज तक अस्पताल आए ही नहीं है। वहीं प्रभारी के रूप में विभा पटेल कार्य देख रही हैं। जो कल नदारद थीं। इसी तरह स्टाफ नर्स विमला पटेल भी गायब थीं।