आदरणीय पाठक बंधु सादर अभिवादन स्वीकार हो। हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे। मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें। आपका सचीन्द्र मिश्र सीधी ................................................... 📱 चेहरे चर्चित चार📱 चिकित्सक - शिक्षक - कलाकार और साहित्यकार.... ................................................... ✍️ डॉक्टर एस.बी.खरे📱 सिबिल सर्जन ................................................... सीधी जिले में डाक्टरों की बात करे तो गरीबो से लेकर अमीरों और नेताओ तक की जुबा पर जो पहला नाम आता है वो है डाक्टर खरे, जी हां डाक्टर खरे सीधी जिले के स्वास्थ्य महकमे से जुड़ा एक ऐसा नाम है जो अपने नाम के बदले सर नेम से ही प्रसिद्ध हैं किसी को कोई दिक्कत होने पर पहला नाम डाक्टर खरे का ही आता है और हो भी क्यू न पिछले 27 वर्षो से सीधी डाक्टर सरकार बहादुर खरे या यू कहें की एस बी खरे को जानती है, और आज हमारे चर्चित चेहरे के चर्चित डाक्टर है वर्तमान सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय सीधी के डांक्टर एस बी खरे । सीधी के पड़ोसी जिले रीवा में जन्मे डाक्टर खरे सीधी के लिए वरदान से कम नहीं हैं एक ओर जहां सीधी में डाक्टरों की कमी है और डाक्टर सीधी में आना नही चाहते तो वहीं डाक्टर एस बी खरे लम्बे समय से सीधी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को सपत्नीक सम्हाले हुए हैं और हर वर्ग के लिए एक सहारा हैं । डाक्टर खरे का जन्म 27 अगस्त 1963 को रीवा जिले में हुआ इनकी प्राथमिक शिक्षा भी रीवा जिले से ही पूर्ण हुई, कालेज की पढाई इनकी नरसिंहपुर से सम्पान हुई और चिकित्सकीय ज्ञान के लिए ये फिर रीवा आ गए , रीवा से इन्होने श्यामाशाह चिकित्सा महाविद्यालय से MBBS और MD किया | शिक्षा दीक्षा के उपरांत आपकी शासकीय सेवा की शुरुआत वर्तमान छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से हुई जो तब मध्यप्रदेश का हिस्सा हुआ करता था इन्होने 1991 से अबिकापुर में सेवा शुरू की और फिर 1994 में सीधी आ गए और फिर सीधी में कुछ इस तरह से रमे की यंही के हो कर रह गए और आज भी सीधी कि जनता की सेवा कर रहे है । डाक्टर एस बी खरे की सेवाए सीधी जिले को हमेशा याद रहेंगी, इन्होने अपनी सेवा के दौरान कई डाक्टरों को आते और जाते देखा कई स्थानातरित हो गए और कई सेवानिवृत्त भी हो गए लेकिन डाक्टर खरे अपने चिरपरिचित अंदाज और सरकारी आवास में आज भी मौजूद है,अपनी युवा अवस्था में सीधी आये डाक्टर एस बी खरे आज खुद अस्वस्थ होते हुए भी सीधी जिले में अपनी सेवाए दे रहे है । जिला चिकित्सालय समेत पूरा जिला डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है और ऐसे में डाक्टर खरे ही एक ऐसा नाम है जिसे सीधी जिले के लोग हर समय याद करते है कारण की उनका अनुभव और व्यव्हार सीधी वालो के लिए सरल और सहज है । अपने कार्यकाल के दौरान डाक्टर एस बी खरे जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन भी रह चुके है और सीधी जिले की आम बोल चाल की भाषा बघेली में भी दूरदराज के लोगों से वार्तालाप कर के उनकी समस्याओं का निदान करते है| खैर अब तो आप सीधी जिले के निवासी ही हो चुके है और एक चिकित्सक के रूप में पूरा जिला आपको बड़े सम्मान और आदर के साथ देखता है । ................................................... ✍️ आर.पी.तिवारी📱 रिटायर्ड प्रिंसिपल ................................................... सीधी जिले में जब भी किसी शिक्षक की बात करे और उत्कृष्ट विद्यालय के पूर्व प्राचार्य की चर्चा न हो ये भला कैसे संभव है,ये एक ऐसे प्राचार्य थे जो प्राचार्य होते हुए भी पढ़ाने के मोह को नही छोड़ पाए और विद्यालय की व्यवस्थो को दुरुस्त रखते हुए सेवानिवृत होते तक छात्रों को पढ़ाते रहे और सेवानिवृत्त होने के बाद जब हर कोई आराम और परिवार के बीच समय व्यतीत करने की सोचता है तो आपने स्कूल में ही समय देने की मंशा से अशासकीय विद्यालय का संचालन शुरू कर दिया और तो और आपके नेतृत्व व मार्गदर्शन में उत्कृष्ट विद्यालय सीधी ने प्रदेश में अपना नाम बनाया जो कहीं नही हुआ ऐसा प्रयोग आपने करके विद्यालय की उत्कृष्टता को नई उचाई दी और आपके पढाये छात्र आज विभिन्न जगहों पर अच्छे पदों पर आसीन है । जी हाँ हम बात कर रहे है उत्कृष्ट विद्यालय के पूर्व प्राचार्य आर पी तिवारी जी की जो बेहद नियम पसंद और अनुशासन प्रिय थे और आज भी जिन्हें ससम्मान याद किया जाता है । आरपी तिवारी जी का जन्म सतना जिले के ग्राम कंदवा में 4 अप्रैल 1955 को हुआ | आपने एम यस. सी, बी. यड, एम एड, रायपुर के रविशंकर विश्व विद्यालय जो पूर्व में म. प्र का हिस्सा था से किया शिक्षा दीक्षा के उपरांत अपकी सेवा की सुरुआत भी रायपुर से हुई आप सीधी भारती के माध्यम से बतौर लेक्चरर शिक्षा विभाग में पदस्थ हुए, 1984 में ट्रांसफर कराकर आप सीधी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल क्रमांक 2, सीधी में आये, जहाँ कई बार प्रभारी प्राचार्य के दायित्व का भी आपने निर्वहन किया| आपको जिस समय दायित्व मिला उस समय विद्यालय में मूलभूत सुविधाओ का आभाव था, स्टूडेंट्स के बैठने के लिये फर्नीचर नही थे यहाँ तक की शिक्षकों के बैठने के लिये भी फर्नीचर नही थे, पानी पीने की कोई व्यवस्था नही थी| तब आपके द्वारा जनभागीदारी की शुरुआत की गई और सभी आवश्यकतायें की व्यवस्था की गई| विद्यालय की आधोसंरचना के साथ साथ एकेडमिक क्षेत्र में विकास किया जिसके लिये आपको काफ़ी संघर्ष करना पड़ा,करीब 23 वर्षो तक आपने क्रमांक 2 में सेवा दी| आर पी तिवारी वर्ष 2007 में उत्कृष्ट विद्यालय सीधी में बतौर प्राचार्य के रूप में पदस्थ हुए और यहां भी अनवरत आधोसंरचना के विकास के साथ साथ एकेडमिक और सांस्कृतिक विकास जारी रहा। विद्यालय के नाम जमीन नही थी, आपके द्वारा सतत प्रयास रत रहकर उसे विद्यालय के नाम करवाया गया| गौरतलब है की इनकी पोस्टिंग के बाद ही बच्चों के नाम प्रदेश की मेरिट में आना प्रारम्भ हुए,आपके द्वारा सुसज्जित प्रयोगशाला का निर्माण, कम्प्यूटर लैब का निर्माण, विद्यालय के दुसरे मंजिल का निर्माण, व्यवस्थित गार्डन, आदि की व्यवस्था की गई| श्री तिवारी के कार्यकाल में विज्ञान नाटिका का मुंबई में चयन हुआ. विज्ञान मॉडल नेशनल लेवल में चयनित होकर उत्कृष्ट विद्यालय की बालिका रितु पाठक को जापान भ्रमण का अवसर मिला| श्री तिवारी वर्ष 2017 में उत्कृष्ट विद्यालय से ही सेवा निवृत हो गए| उत्कृष्ट विद्यालय के आपके 10 वर्ष के कार्यकाल में 17 स्टूडेंट्स प्रदेश की मेरिट पहुंचें. 4 स्टूडेंट MBBS, 3 स्टूडेंट IIT, 2 स्टूडेंट साइंटिस्ट, 2 नेवी ऑफिसर, के साथ कई स्टूडेंट्स इंजीनियर हुए है और 3 सब इंस्पेक्टर बने, इस प्रकार विभिन्न पदों में चयनित हुए है| श्री तिवारी जी का विद्यालय के प्रति इतना समर्पण था कि रात 7-8 बजे तक विद्यालय में मौजूद रहते थे और तो और बायोलॉजी का स्टूडेंट होने के नाते श्री तिवारी सेवानिवृत तक 12 वीं के स्टूडेंट की क्लास लेते रहे| श्री तिवारी जी यंही नही रुके अपनी कार्यकुशलता के चलते जिले में आपने दो वर्षो तक प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद का दायित्वो भी सम्हाला जहां आपके द्वारा शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों में सुधार के प्रयास किये गए. आपने अपने सेवा काल में उत्कृष्ट विद्यालय को परीक्षा परिणाम के मामले में प्रदेश में प्रथम स्थान पर पहुंचाया, इन्ही के प्रयासों से उत्कृष्ट विद्यालय डिजिटलीजशन के मामले में प्रदेश का पहला विद्यालय बना और आपको आयुक्त लोकशिक्षण ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया । सेवानिवृत्त होने के बाद आप वर्तमान में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए इंग्लिश मीडियम पब्लिक स्कूल का संचालन कर सेवा कर रहें है । ................................................... ✍️ श्रीमती अजिता द्विवेदी📱 कलाकार .................................................. आज हम सीधी जिले में कला के क्षेत्र की एक ऐसी प्रतिभा से मुखातिब होने जा रहे है जो है तो एक शिक्षिका लेकिन जिले में अपनी आवाज और कला के लिए चर्चित है जिन्होंने जिले में ही नही वरन अपनी कला के माध्यम से रेडियो व दूरदर्शन में भी अपनी जगह बनाई है और जिले के नाम को आगे बढाया है इन्होने लोकगीत और स्थानीय गायिकी को घरो से निकल कर टीवी व रेडियो के माध्यम से प्रदेश तक पहुचाया है, एक शिक्षिका होने के साथ साथ अइप कई सामाजिक और प्रशासनिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहती है और यही कारण है की आप सीधी जिले का एक गाता हुआ चर्चित चेहरा है जिससे हर कोइ परिचित है| जी हाँ हम बात कर रहे है जिले कि चर्चित कलाकार श्रीमती अजीता द्विवेदी की...... श्रीमती अजीता द्विवेदी का जन्म 08 मार्च 1965 में हुआ, आप की रूचि पढाई के साथ साथ संगीत में होने के कारण बचपन से ही संगीत के गुर सीखने लगी और आपके प्रथम संगीत गुरु आपके पिता श्री रामदास पांडे जी थे जो जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संगीत शिक्षक थे आपने पहली पहली बार 10 वर्ष की उम्र में अपनी संगीत की परीक्षा 1975 में दी थी । इसके अतिरिक्त बात करे आपकी शिक्षा दीक्षा की तो आपने एम ए, बीटी,बी एड, संगीत प्रभाकर, एम म्यूज किया है आप वर्तमान में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीधी में शिक्षिका के रूप में पदस्थ है, और आपने अपनी सेवा के 37 वर्ष 8 महीने पूरे कर लिए है और वर्तमान में भी आप कार्यरत है । शिक्षिका और संगीत शिक्षक होने के साथ साथ आप कई और दायित्वों का भी निर्वहन करती है, आप भारत स्काउट गाइड की सीधी जिले की जिला डी ओ सी है, सीधी जिले में नगर योग प्रभारी भी है | बात करे आपकी उपलब्धियों की तो आपके द्वारा एडूसेट एवं दूरदर्शन में भी अपनी कई प्रस्तुतियां दी जा चुकी हैं| आप 2004 से लगातार कई वर्षों तक जिले में शिक्षक सम्मान से सम्मानित हुई है और वर्ष 2020 में राज्यपाल पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी है | गौर करे आपके सेवा काल की ओर तो आपकी 20 जनवरी 1984 में प्रथम नियुक्ति नेबूहा गांव में हुई, 1987 से 1989 तक आपने डीएड का प्रशिक्षण प्राप्त किया और 5 जुलाई1990 में मॉडल स्कूल सीधी में नियुक्त हुई | आपके द्वारा जिले में जनवरी 1984 से आज तक अध्यापन का कार्य किया जा रहा है । अजीता द्विवेदी जिले का एक ऐसा चर्चित चेहरा है जिसकी प्रतिभा किसी एक विषय या क्षेत्र में सीमित नही है, इन्होने नित नए आयाम पार किये और जिले में नारी शक्ती का प्रतिनिधित्व करते हुए लोगो के लिए मिशाल बनती गई इन्होने एक शिक्षक होने के साथ साथ एक सामाजिक और सक्रिय महिला को भी अपने अन्दर जीवित रखा जो घर के काम काज के साथ साथ अपनी पहचान बनाने को आतुर थी| इनकी उपलब्धियों और संघर्ष को देखे तो इन्होने 1993 में ब्लैक बोर्ड ऑपरेशन के अंतर्गत विज्ञान किट प्रशिक्षण प्राप्त किया|, 1999 में इंग्लिश लेंगुएज ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2001 में कार्यालय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सीधी में 12 दिवसीय एकीकृत पाठ्यक्रम स्व अधिगम सामग्री का प्रशिक्षण प्राप्त किया,वर्ष 2002 में लोक शिक्षण संचनालय तथा मध्य प्रदेश संस्कृत बोर्ड द्वारा जिला स्तरीय संस्कृत शिक्षक उन्मुखीकरण प्रशिक्षण 14 दिन का डाइट सीधी में लिया, 2005 में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सीधी में चयनित शिक्षकों का प्रथम स्क्रीनिंग कार्यक्रम आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2005 मैं एडुसैट प्रशिक्षण दिल्ली में प्राप्त किया, 2007 मैं ऑल इंडिया प्राइमरी टीचर फेडरेशन ( AIPTF ) न्यू दिल्ली में प्रशिक्षण, दिनांक 12-6-2008 से 21-6-2008 तक सेवाकालीन प्रशिक्षण,06-08-2009 से 09-08-2009 तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रीवा संभाग में (ए.एल.एम) प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2009 में पतंजलि योगपीठ में 7 दिन का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक प्राप्त किया तब से बच्चों को विद्यालय में योग प्रशिक्षण दिया जा रहा, 2009 सी.सी.आर.टी. ( सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली ) में प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रशिक्षण, 2011 में सेवा कालीन प्रशिक्षण डाइट में, 2011 में भारत स्काउट गाइड में बेसिक गाइड कैप्टन प्रशिक्षण प्राप्त किया 2012 में महिला यौन उत्पीड़न समलैंगिक प्रशिक्षण प्रशासन एकेडमी नरहोना, राज्य प्रशिक्षण केंद्र गांधीनगर भोपाल में एडवांस गाइड कैप्टन प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2013 में यूनिट लीडर कम्युनिटी सिंगिंग कोर्स राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र पचमढ़ी, 2013 में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रशिक्षण दिया गया, 2013 में राज्य स्तरीय कौसंलर प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2014 में भारत स्काउट गाइड भोपाल द्वारा आपदा प्रबंधन कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त किया, 2014 में जिला शिक्षा विभाग द्वारा खेल योग बाल सभा गतिविधियों का प्रशिक्षण मिला एवं स्काउट गाइड, 2014 सामान्य सूचना प्रशिक्षण, 2014 राज्यस्तरीय शैक्षिक संगोष्ठी, 2016 मैं तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण नेशनल हैडक्वाटर राजस्थान कोटा में मेरे द्वारा योग का प्रशिक्षण दिया गया,2017 में भारत स्काउट गाइड काउंसलर प्रशिक्षण गांधीनगर भोपाल में पांच दिन प्राप्त किए, 2020 एवं 2021 में मध्य प्रदेश शासन राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा दीक्षा ऐप के संपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किए, महिला बाल विकास द्वारा पूजा पार्क में कलेक्टर रविंद्र चौधरी के हाथों सम्मानित हुई हैं । बीजेपी कार्यालय में जिलाध्यक्ष के हाथों सम्मानित,2021 में मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एंड I CMR नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूट्रीशन द्वारा पोषण अभियान प्रशिक्षण ई-लर्निंग द्वारा प्राप्त किया और अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा में सम्मानित भी हुई । ......................... .......... .............. ✍️ रामलखन शर्मा निर्मल📱 साहित्यकार ................................................... आज हम बात कर रहे हैं सीधी जिले के अच्छे साहित्यकार राम लखन शर्मा निर्मल की । आपका जन्म 1 जनवरी सन 1941 को मध्य प्रदेश के सीधी जिला अंतर्गत ग्राम खैरा तहसील रामपुर नैकिन मे एक सामान्य किसान के घर में हुआ । जिले में आपको एक प्रतिष्ठित बघेली और हिंदी के कवि के रूप में जाना जाता है। आप की प्रारंभिक शिक्षा हनुमानगढ़ और रामपुर नैकिन से हुई तथा उच्च शिक्षा ठाकुर रणमत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा से हुई ।आपने एम ए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक पद पर ज्वाइन किया ।एक लंबे समय तक आप शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं पूर्ण करने के पश्चात सेवानिवृत्त हुए और वर्ष 1960 से स्वतंत्र रूप से साहित्य लेखन कर रहे हैं। तन निर्मल ,मन निर्मल सारा जीवन निर्मल यही सटीक विशेषता है कवि शिरोमणि राम लखन शर्मा निर्मल की। चाहे कभी सुखों की सुरभि-सनी बासंती बयारि ने गुदगुदाया- गुनगुनाया अथवा ग्रीष्म की ज्वलनशील निघाघ तपन ने झुलसाया ,झंझा-झकोर गर्जन ने उखाड़ फेंकने का प्रयास किया, फिर भी निर्मल जी अपनी निश्चल निर्मल जीवन -शरणि के बल पर अडिग -अटल अंचल कर्म पथ पर डटे रहे। आपने पांच दशकों के सृजन संकल्प से अनेक काव्य कृतियां प्रदान कर विंध्य क्षेत्र के साहित्य शिखर को समुन्नत किया है ।उसे उठाया है। कोई भी सुधि पाठक या साहित्य रसिक निर्मल जी के योगदान को भूल नहीं सकता ,चाहे बघेली बोल में कुरीतियां ,कुप्रथाएं हो या की आंचलिक सांस्कृतिक वैशिष्टय की बात हो सर्वत्र निर्मल जी के बघेली प्रयोग बीस पड़ते हैं । निर्मल जी ने बघेली और खड़ी बोली हिंदी दोनों में सशक्त रचनाएं प्रस्तुत की है, जो काल के प्रवाह में न तो विनाश होने वाली हैं और ना ही प्रयोगों की दौड़ में कमजोर पड़ने वाली है ।राष्ट्रीय स्वर आपकी कविताओं में प्रमुखता से गूंज रहे हैं ।राष्ट्र भारत की महानता, महापुरुषों की धरती भारत माता, वीर सपूतों बलिदानी बेटों की गाथा, सर्वत्र आपकी रचनाओं में मूलस्वर हैं। निर्मल जी ने मुक्तक काव्य के साथ-साथ प्रबंध काव्यो का सर्जन किया है ।बाणभट्ट को नायक बनाकर आपने अपने क्षेत्रीय अतीत का गौरव प्रस्तुत किया है। चंदरेह की प्राकृतिक भिधारा से विभूषित सोण-सरित संगम पर हर्ष कालीन महाकवि बाणभट्ट ने अपने अमूल्य संस्कृत उपन्यासों गल्पो एवं आख्यानक काव्य से सीधी को साहित्य का अप्रतिम उपहार प्रदान किया था, जिसे समय के प्रवाह में वर्तमान पीढ़ी ठीक सहेज कर रखने में कोताही दिखाई तो कविवर राम लखन शर्मा जी आगे आए और वाणायन महाकाव्य की रचना करके साहित्य को अनमोल रत्न प्रदान किया । सच्चे अर्थों में साधक हैं -श्री राम लखन शर्मा, साहित्य व्रती हैं, कलम के उपासक हैं, रचना धर्म के तपस्वी हैं। आपने कभी सम्मान की लालसा से सृजन नहीं किया, साहित्य सेवा आपके लिए लाभ -लोग का जरिया नहीं रहा, सृजन संकल्प से निःसृत हुई है- आपकी तपस्विता। आपकी रचनाओ की बात करे तो आपने कई काव्य कृतियों का प्रकाशन किया है ।पद पच्चीसी बघेली कृति ,तांड राग, भारत चालीसा, अरुणिमा, उर्मिबंध, वाणायन महाकाव्य, बीरबल खंडकाव्य, चंद्र प्रताप एकार्थक काव्य, कुंडल दर्पण आदि। आपकी दो काव्य कृतियां प्रकाशनाधीन है- बघेलिका और कुंडल काव्य । आकाशवाणी रीवा से आपकी सताधिक बघेली कविताएं प्रसारित हुई हैं। आपको कई सम्मान एवं प्रशस्तिया प्राप्त हुई है जिनमे - 1 राजेश्वरी प्रकाशन गुना से साहित्य सम्मान 2 अखिल भारतीय साहित्यिक अभि. समिति मथुरा से साहित्य सम्मानश्री 3 साहित्य विभूषण सा.ख.श्रृंखला सावनेर नागपुर से सा सृजन सम्मान 4 जाप्र. मलाड से साहित्य सौरभ सम्मान। 5 साहि.प. रामपुर नैकिन से महाकवि वाण भट्ट सम्मान 6 बघेली साहित्य परिषद सीधी से वर्ष 2009 में सम्मान 7 सामाजिक चेतना उत्कर्ष समिति सीधी से बाणभट्ट पर लेखन कार्य हेतु सम्मानित व पुरस्कृत 8 वाणायन महाकाव्य के सृजन पर सामाजिक साहित्यिक संस्था प्राणालोक धनेसर बागढ से सम्मान 9 श्री राम विंध्य विकास समिति रीवा से विंध्य वैभव सम्मान 10 बघेलखंड सांस्कृतिक समिति रीवा द्वारा विन्ध्य शिखर सम्मान एवं पुरस्कार 11 हिंदी की विशिष्ट सेवा हेतु हिंदी पखवाड़ा 2017 में संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय सीधी से सम्मान एवं पुरस्कार और अभी हाल में सितंबर 2021 में चिन्मय मिशन से सारस्वत सम्मान प्राप्त हुआ है। इस प्रकार श्री राम लखन शर्मा निर्मल साहित्य साधना का जो दीप प्रज्वलित किया वह आज भी उसी निर्वात लव की भांति जल रही है ।