पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):- तहसील कार्यालय मझौली के सामने सामाजिक संगठन एकता परिषद के संयोजन में एवं टोंको-रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी के नेतृत्व में आवारा पशुओं के द्वारा उत्पन्न समस्या के समाधान को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन किया गया। जहां सभा में वक्ताओं द्वारा आवारा पशुओं से हो रही समस्या के बारे में अपनी बात रखी वही स्थानीय समस्याओं पर भी शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया। इसके साथ ही सैकड़ों की तादाद में आवारा पशुओं को तहसील कार्यालय के परिसर में जमा कर विरोध प्रदर्शन किया गया जो उपस्थित लोगों के बीच कौतूहल और चर्चा का विषय बना रहा। सभा को संबोधित करते हुए उमेश तिवारी ने कहा कि उपखंड अधिकारी मझौली का यह कहना कि आवारा पशुओं की समस्या देश और प्रदेश में है। जिसका समाधान नहीं है यह सर्वथा अनुचित और निन्दनीय है। अगर कानूनी दृष्टि से देखा जाए तो यहां की किसी भी समस्या का समाधान केरल या कर्नाटक के सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा बल्कि खंड प्रशासन और जिला प्रशासन के माध्यम से ही किया जाएगा जो इनका पदीय दायित्व है। इसके साथ ही कहा गया कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सुनियोजित प्लान के तहत किसानों को खेती के कार्य से अलग करने का एक जरिया यह भी है ताकि किसानों की जमीन उद्योगपतियों को दी जा सके वही कृषि कानूनों की असलियत उजागर करते हुए इसे किसान विरोधी बताया गया वहीं प्रदेश एवं जिले में रेत माफिया, शराब माफिया, भू माफिया के बढ़ते प्रभाव को लेकर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री का खुला संरक्षण देने का आरोप लगाया गया। 8 नबम्बर से ग्राम टिकरी में" रेत माफिया भगाओ नदी बचाओ"अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा गया जिसमें स्थानीय मुद्दों एवं भ्रष्टाचार के विंदु शामिल रहेंगे। आंदोलन के सूत्रधार एवं संयोजक श्रीमती सरोज सिंह जिला समन्वयक एकता परिषद जिला सीधी के द्वारा आंदोलन आयोजित करने एवं उपखंड अधिकारी के संवेदनहीनता पर जानकारी देते हुए कहा गया कि यह आंदोलन तो एक ट्रेलर है अगर खंड प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेता है तो आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन आंदोलन होगा जिसमें हजारों की तादाद में आवारा पशुओं को लाकर जमा किया जाएगा। नगर क्षेत्र में हिंसक बंदरों का भी उठाया गया मामला-- सभा में वक्ताओं द्वारा नगर क्षेत्र मझौली में हिंसक बंदरों का भी मामला उठाया गया जिनके आक्रमण से कई लोग विकलांग हो गए हैं वहीं पिछले वर्ष एक महिला की मौत भी बंदर के अचानक आक्रमण से हो गई। इस समस्या के निदान पर भी ध्यान आकृष्ट कराया गया। डॉ सुब्बा राव के निधन पर दी गई श्रद्धांजलि-- प्रसिद्ध गांधीवादी एवं चंबल अंचल के दस्यु समस्या को समाप्त करने वाले डॉ एसएन सुब्बाराव जी के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा गया कि स्व सुब्बाराव जी अपने जीवन के अंतिम सांस तक विश्व शांति व भाईचारे के लिए मार्मिक संदेश देते रहे हैं उन्होंने अपने गांधीवादी कृतित्व व व्यक्तित्व से समूची दुनिया में भारतवर्ष को गौरवान्वित किया है जो स्वतंत्र सेनानी हमेशा हिंदुस्तान के निर्माण के लिए अपने अभिनव प्रयोगों व विशिष्ट छवि के लिए समाज में सदा याद किए जाते रहेंगे जिनका आज 27 अक्टूबर को आकस्मिक निधन हो गया है। जिनके आत्मा की शांति हेतु 1 मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी गई। आंदोलन में अन्य वक्ताओं में वरिष्ठ नागरिक रामकुमार सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक,बलराज सिंह मध्यप्रदेश किसानसभा, रामनरेश कुशवाहा सामाजिक कार्यकर्ता क्रांतिकारी मोर्चा, रंगदेव कुशवाहा सामाजिक कार्यकर्ता आदि।सभा का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार तिवारी के द्वारा किया गया।