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चेहरे चर्चित चार,नेता अफसर - विधिक पत्रकार.......

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

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📱 चेहरे चर्चित चार📱
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।


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✍️ सुश्री मधु शर्मा 📱
पूर्व जिला पंचायतअध्यक्ष

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चर्चित चेहरे चार में आज चर्चित लेडी नेता है उनका तो बस नाम ही काफी है, बीते दो दशक में शायद ही कोई हो जो इस चर्चित चेहरे को ना जानता हो या इनके इतिहास से अनभिज्ञ हो, एक महिला होते हुए भी सीधी सिंगरौली जिले में अपनी पहचान इस कदर बुलंद करना यह आम बात नहीं है, जी हां हम बात कर रहे हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु शर्मा की जिनका बस नाम ही काफी है पहचान के लिए....

सीधी जिले के मझौली क्षेत्र में 5 मई 1968 को जन्मी मधु शर्मा शुरू से ही निडर व साहसी थी उनकी माता बेला शर्मा एक शिक्षिका थी और पिता पंडित रामकिशोर शर्मा सिंगरौली जिले के काफी प्रभावशाली व्यक्तियों में सुमार थे । इनकी प्रारंभिक शिक्षा बैढ़न से ही हुई उत्कृष्ट विद्यालय से हायर सेकेण्डरी करने के बाद इन्होंने उच्च शिक्षा भी बैढ़न कॉलेज से ही प्राप्त की जहां इन्होंने बी कॉम एवं अर्थशास्त्र में एमए किया। इसके बाद एसजीएस कॉलेज सीधी से एलएलबी व कमला कॉलेज सीधी से b.ed की डिग्री हासिल की।

मधु पढ़ने में बेहद ही मेधावी छात्रा थी जिसके कारण इन्हें आठवी से ग्यारहवी तक स्कालर शिप हांसिल होती थी, आठवी टाप करने पर यह छात्रवृत्ति हांसिल हुई । इसके अतिरिक्त ये खेलकूद के क्षेत्र में भी पारंगत थी जिला व सम्भाग स्तरीय एथलेटिक्स और खोखो , कबड्डी जैसे प्रतियोगिताओं में टाप थीं। जब ये 10 वी की छात्रा थी तब विज्ञान माडल वनाने पर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की स्थापना को लेकर वतौर छात्र माडल तैयार करने पर राजा मार्तंड सिंह द्वारा सीधी की विज्ञान प्रदर्शनी में इन्हें सम्मानित किया गया था ।

अगर इनके राजनीतिक जीवन कि ओर बढ़े तो इन्होंने1984में एनटीपीसी विंध्य नगर के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी व पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी , जिसके बाद1985 में पहली बार ये कांग्रेस सेवा दल महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष बनाई गई , साथ ही जिला युवा कांग्रेस की महामंत्री भी बनी। राजनीति में आगे बढ़ते हुए ये 1994 में अविभाजित सीधी सिंगरौली की जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई । उस दौरान तिवारी कांग्रेश से मधू शर्मा को अध्यक्ष वनाया जाने का किस्सा काफी रोचक और चर्चाओं में रहा कारण कि पूर्व सांसद मोतीलाल सिंह की पत्नी श्रीमती वाशमती सिह को टास्क से पराजित किया गया था , एक तरफ तिवारी कांग्रेस से स्वर्गीय अर्जुन सिंह की कंडीडेट मधु शर्मा तो दूसरी तरफ उनके विरोध में कांग्रेस से सांसद मोतीलाल सिंह की पत्नी का कंडीडेट होना एतिहासिक रहा है । 1994 से 1999 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुये इन्होंने सैकड़ों लोगों को शिक्षाकर्मी भर्ती के मार्फत लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया था इसके अतिरिक्त इन्होंने ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में कई विकास के कार्य कराए फिर चाहे वह आदिवासी वाहुल्य क्षेत्र कुशमी का लवाही हो चाहे कंचनपुर या फिर सिंगरौली का सोनघड़ बड़गड़ , मल्गो आदि अविकसित क्षेत्र हो ...इन सभी जगहों पर इनके द्वारा स्कूल व पंचायत भवन की स्थापना की गई। यहां तक कि पंहुचविहीन वनांचल क्षेत्र कुशमी के कंचनपुर में मधू शर्मा बाइक में सबार होकर यातायात सुलभ कराया था और स्कूल की स्थापना कराई थी ।

मधु शर्मा की पहुंच व सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस दौर में इन्होंने न केवल एक प्रधानमंत्री से और मुख्यमंत्री से सदस्यता ली बल्कि दूसरे प्रधानमंत्री से सम्मान भी प्राप्त किया, साथ ही देश के राष्ट्रपति से भी इस महिला नेत्री ने मुलाकात की । मधु शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव द्वारा वालिका शिक्षा विषय पर सुधार के मामले में दिल्ली में वतौर अध्यक्ष सम्मान प्राप्त किया व पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से मिलने का भी सौभाग्य हांसिल किया था । इसके अतिरिक्त राजस्थान में गहलोत सरकार के कार्यकाल में आयोजित जिला पंचायत अध्यक्ष सम्मेलन में इन्हें भाग लेने का अवसर हांसिल हुआ था , जंहा पर पंचायती राज व्यावस्था पर अपने विचार व्यक्त कर इन्होंने मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया था ।

मधु शर्मा एक निडर साहसी व दबंग नेत्री थी और इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत सीधी मिस्टर आर्या द्वारा जब जिला पंचायत सदस्यों को अपमानित किया जाने लगा तो दबंग नेत्री मधु शर्मा द्वारा स्वराज भवन के सभागार में मीटिंग को स्थगित कर जिला पंचायत सीईओ आर्य को 6 घंटे तक बंदी बनाकर रखा गया एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हस्ताक्षेप के बाद ही उन्हें मुक्त किया गया। सीधी जिले के राजनीतिक इतिहास में मधु शर्मा की अपनी एक अलग पहचान है उनका एक अमिट इतिहास है और उनके बनाए हुए रास्ते पर ही वर्तमान में भी चल कर कुछ लोग ख्याति अर्जित कर रहे हैं। बहरहाल जो भी रहा हो निसंदेह मधु शर्मा होनहार लीडर, निडर व बेहद साहसी महिला नेत्री थी जो वर्तमान मे सिंगरौली जिले की राजनीति में सक्रिय भूमिका पर हैं ।


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✍️ दीपेन्द्र सिंह तिवारी📱
नायव तहसीलदार

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जब एक युवा मन दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ लक्ष्य को हासिल करना चाहता है तथा एक लक्ष्य को प्राप्त होने के बाद बड़े लक्ष्य को हांसिल करने के लिये कृत संकल्पित हो और राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर बतौर नायव तहसीलदार के पद पर नियुक्त होकर अभी और लंबी उडान भरने के लिए सदा तत्पर रहते हो तब उनकी चर्चा स्वाभाविक है जी हाँ आज के अंक चर्चित चेहरे के अफसर है दीपेन्द्र सिंह तिवारी जिनका जन्म अपने मामा के घर रीवा जिले के ग्राम मढी मे 26 जून 1993 को हुआ, रीवा गोविदगढ के किटहा गांव के सामान्य परिवार में पले बढे बाल्यकाल से ही कुशाग्र वुद्धि के दीपेन्द्र वर्ष 2018 मे NIT भोपाल से सिविल इंजीनियरिंग किया उसके पश्चात बगैर कोचिंग संस्थान के स्वयं के मेहनत से PSC की परीक्षा पास कर वर्ष 2019 में बतौर नायब तहसीलदार सीधी जिले में पदस्थ हुए । इसके पूर्व एक दो बार प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बावजूद हार न मानने वाले श्री तिवारी चरैवेति चरैवेति सिद्धांत को मानकर चलते हुए आज इस मुकाम पर है, और अभी आगे की उच्च सेवा के लिए आज भी UPSC की तैयारी लीन हैं, पिछले दो वर्षों से सीधी में पदस्थापन के दौरान वाखूबी अपने जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं, श्री सिंह तिवारी सीधी जिले में हुए करोड़ों रुपये के टैक्टर घोटाले का पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी हासिल की, ट्रैक्टर घोटाले की अनसुलझी गुत्थी का पर्दाफाश करने वालों में से वर्तमान के युवा अधिकारी श्री दीपेन्द्र आज के नव युवकों के लिए प्रेरणास्रोत है इनसे युवाओं को निश्चित ही प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।
बतादे कि दीपेन्द्र बेहद परिश्रमी और संघर्ष सील युवा है इन्होने भले ही कोचिंग न की हो पर अनेक छात्रों को कौटिल्य एकेडमी रीवा में पढ़ाया है, और इनके पढ़ाये छात्र आज कई पदों पर शुसोभित है | पिछले दो वर्षो से सीधी में पदस्थापना के दौरान इन्होने बेहद पूरे लगन से काम करते हुए जिले में हुए करोड़ो के ट्रैक्टर घोटाले का पर्दाफास करके कौतूहल वने हुये हैं । कम उम्र में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की भूमिका अदा करने वालों में से एक ... दीपेन्द्र का नाम प्रशासनिक गलियारे में भी चर्चा का विषय है । किंतु सीधी जैसी जगह में उन्हें अभी संवरना होगा कारण कि उनकी मंजिल कंही और है ....


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✍️ श्यामानंद चतुर्वेदी 📱
एडवोकेट

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विधि के क्षेत्र में जिनकी चर्चा करने जा रहा हूँ वह चेहरा है अधिवक्ता श्यामानंद चतुर्वेदी जी... जिनका जन्म ग्राम ममदर तहसील रामपुर नैकिन मे 10 जुलाई सन् 1972 मे एक सामान्य परिवार में हुआ था, प्रारंभिक व हायर एजुकेशन ममदर व बडखरा विद्यालय में हुआ उच्च शिक्षा संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से BSC MSC की पढ़ाई के दौरान विद्या विनय विवेक मंत्र को आत्मसात कर एक अच्छे छात्र के रूप में जाने जाते रहे, स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूर्ण करके चतुर्वेदी जी शिक्षा जगत में कुछ वेहतर करने की ललक के साथ वर्ष 1997 मे मारिशन स्कूल व महर्षि स्कूल बतौर शिक्षक बच्चों को शिक्षा दीक्षा देने लगे उसी बीच LLB मे एडमिशन लेकर वर्ष 2001 में विधि स्नातक की डिग्री हासिल कर लिया, वर्ष 2003 में शिक्षा जगत को अलविदा कह विधि जगत में अपना भाग्य अजमाने चल पडे तथा जिला न्यायालय सीधी में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह चौहान जी के जूनियर बनकर वकालत का सफर शुरू किया जहाँ आज एक अच्छे अधिवक्ता के रूप में जाने जाते हैं। श्री श्यामानंद जी इस व्यवसाय में काफी संतुष्ट है, वकील के साथ साथ वह एक अच्छे संगीतकार हारमोनियम ढोलक के साथ सुमधुर रामायण गान के लिए भी चर्चित है, कुल मिलाकर विधि एवं संगीत दोनों विधाओं मे अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले श्यामानंद जी मस्तक पर त्रिपुंड तिलक मोटी केश के साथ वकालत में अलग ही दिखते है और अपनी संगीत कला की मस्ती में मस्त रहते हैं ।


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✍️ अरुण गुप्ता📱
युवा पत्रकार

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वर्तमान सीधी जिले में अगर मीडिया कर्मियों की ओर गौर करें तो नवयुवक पत्रकारों की एक लंबी लिस्ट है जिसमें अपने अपने रंग अपने-अपने ढंग में पत्रकारिता को अलग स्तर पर ले जाने वाले कई नवयुवक पत्रकार हैं ऐसे ही एक पत्रकार आज हमारे चर्चित चेहरे चार के अंश बनने जा रहे हैं जो अपने विशेष अंदाज के लिए जिले भर में चर्चित चेहरे हैं। आज हम बात कर रहे हैं सीधी जिले के युवा पत्रकार अरुण गुप्ता की जिन्होंने अपने छोटे से कार्यकाल में ही सीधी जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाई है इलेक्ट्रॉनिक हो या प्रिंट मीडिया दोनों जगह इन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी है।

अरुण गुप्ता का जन्म सीधी जिले के मड़वास क्षेत्र अंतर्गत नदहा ग्राम में 10 मई 1989 को हुआ इनकी प्रारंभिक शिक्षा, प्राथमिक पाठशाला नदहा, इसके बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मड़वास में 12 तक हुई। इसके बाद भोपाल के बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से इन्होंने इतिहास विषय से एम ए किया। पीएचडी और बड़ा अफसर बनने की ललक इनके मन में थी लेकिन इसी दरमियान मुंबई के एक युवक से जान पहचान हुई और बातचीत के दौरान अच्छी दोस्ती हो गई जहां पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर वर्ष 2012 मे कुछ बड़ा बनने की ललक लेकर ये सऊदी अरब चले गए, लेकिन पिताजी की तबीयत खराब होने के कारण ये सऊदी अरब से 6 महीने के बाद ही वापस जन्मभूमि आ गये और एक्सप्रेस न्यूज़ यूट्यूब के माध्यम से इन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। अरुण शहडोल मे रहकर पत्रकारिता करने लगे, लेकिन कुछ बड़ा बनने की ललक थी और रास्ता नहीं मिल पा रहा था खबर कवरेज के दौरान शहडोल के मीडिया जगत में 2013 में बसंत तिवारी चर्चित नाम था जहां पत्रकारिता के साथ-साथ रेलवे का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया और अनूपपुर में रेलवे की कैंटीन चलाने लगे जिसमें ट्रेनों में खाद्य सामग्री के साथ-साथ पे पदार्थ की सप्लाई होने लगी पत्रकारिता के साथ-साथ रेलवे टेंडर भी बाखूबी चला रहे थे इस दरमियान इनके साथ एक और घटना घटी, घर में मां चक्की के पट्टे में फंस गई और घायल हो गई जिसमें पत्रकारिता और रेलवे कांट्रैक्ट चलाने के लिए समय कम पड़ने लगा जहां रेलवे के कॉन्ट्रैक्ट खत्म करके मां बाप की सेवा करने के लिए सीधी आ गए और सीधी में ही मीडिया जगत में कदम रखा, और news1 इंडिया में काम करने लगे इस दरमियान news1 इंडिया, के न्यूज़ इंडिया, एपीएम जैसे टीवी चैनलों में काम किए और वर्ष 2019 में प्रिंट मीडिया के स्टार समाचार में आ गए, जहां दैनिक अग्नि वर्षा तथा राज एक्सप्रेस के ब्यूरो प्रमुख के रूप में बाखूबी कार्य किए।

पत्रकारिता के दौरान इनके जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए फिर चाहे वो लोकसभा चुनाव के दरमियान चुरहट के कोचिटा पोलिंग बूथ में घटित घटना हो या फिर, गांव के विकास को प्राथमिकता देते हुए नदहा मैं सड़क की लड़ाई।जहां आजादी के बाद से अब तक सड़क नहीं बन पाई थी ग्रामीणों का आक्रोश जारी था इस दरमियान कलेक्टर रविंद्र चौधरी सीधी के कलेक्टर रहे और ग्रामीणों की आवाज बंद कर कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक सड़क बनाने को लेकर आवाज पहुंचाई और नतीजा यह रहा कि आज नदहा की सड़क पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गई है। वही विद्यालय तथा भ्रष्टाचार को लेकर भी एक तरह से अच्छी मुहिम चलाई गई है जहां कई कर्मचारी सस्पेंड भी हुए हैं।
वर्तमान में अरुण पत्रकारिता के साथ-साथ सीधी जिले में शिक्षा के क्षेत्र में वह इन दिनों क्षिक्षा का बीज बो रहे हैं ...

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